आज हम आपको एक ऐसी खोज के बारे में बताने जा रहे हैं जो इतिहास की किताबों को फिर से लिखने पर मजबूर कर सकती है। वैज्ञानिकों ने हाल ही में कुछ ऐसी नहरें खोजी हैं जो माया सभ्यता से भी पुरानी हैं। ये नहरें लगभग 4000 साल पुरानी हैं और उस समय के लोग इनका इस्तेमाल मछली पकड़ने के लिए करते थे।
प्राचीन नहरों की खोज
साइंस अडवांसेज जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, पुरातत्वविदों ने पाया कि माया सभ्यता से भी पहले, करीब 4000 साल पहले, लोगों ने जमीन में नहरों का एक जटिल नेटवर्क बनाया था। इन नहरों का मुख्य उद्देश्य मछली पकड़ना था। यह खोज हमें बताती है कि प्राचीन समाज में लोग अपने भोजन के लिए कितने नवीन तरीके अपनाते थे।
हैंपशायर विश्वविद्यालय की शोधकर्ता एलियनर हैरिसन बक ने बताया कि इन नहरों की पहचान करना बहुत मुश्किल था। उन्होंने एरियल इमेजरी का इस्तेमाल किया और फिर बेलीज क्रुक्ड ट्री वाइल्डलाइफ सेंचुरी में खुदाई की। इस खुदाई से पता चला कि ये नहरें बड़े-बड़े तालाबों से जुड़ी हुई थीं।
खोज का तरीका इस महत्वपूर्ण खोज में आधुनिक तकनीक का भी बड़ा योगदान रहा। वैज्ञानिकों ने ड्रोन और Google Earth की मदद से इन प्राचीन नहरों का पता लगाया।
नहरों का निर्माण
इन नहरों का डिजाइन बेहद दिलचस्प था। हर थोड़ी दूर पर, नहर में तीर के आकार की संरचना बनाई गई थी। इन संरचनाओं में लकड़ी के जाल लगाए जाते थे, जिनमें मछलियाँ फँस जाती थीं।
शोधकर्ताओं का मानना है कि इन नहरों का निर्माण सेमी नोमैडिक समुदायों ने किया था, जो एक जगह से दूसरी जगह घूमते रहते थे। ये नहरें लगभग 1000 साल तक इस्तेमाल में रहीं, जब तक कि माया सभ्यता की शुरुआत नहीं हुई और लोग स्थायी कृषि की ओर नहीं मुड़े।
खगोलशास्त्र और गणित में भी थें माहिर
यह खोज हमें माया सभ्यता से पहले के समय के बारे में नई जानकारी देती है। माया सभ्यता के लोगों ने बड़े पैमाने पर निर्माण किया मंदिर, सड़कें, पिरामिड और भव्य इमारतें बनाईं। वे लिखना, पढ़ना, खगोलशास्त्र और गणित में भी माहिर थे।
लेकिन अब हम जानते हैं कि उनसे पहले के लोग भी काफी उन्नत थे। वे प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर अपना जीवन आसान बनाने के तरीके जानते थे। यह संभव है कि यही लोग बाद में माया सभ्यता के रूप में विकसित हुए।