Army in Balochistan: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एक बड़ा फैसला लेते हुए बलूचिस्तान में अलगाववादी समूहों के खिलाफ व्यापक सैन्य अभियान शुरू करने की मंजूरी दे दी है। यह फैसला हाल के दिनों में बलूचिस्तान में बढ़ते हमलों और हिंसा के बीच लिया गया है। पिछले महीने एक रेलवे स्टेशन पर हुए आत्मघाती हमले में 27 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें 19 सैनिक भी शामिल थे।
बलूचिस्तान में क्यों बढ़ रही है हिंसा?
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा लेकिन सबसे कम विकसित प्रांत है। यहां दशकों से अलगाववादी विद्रोह चल रहा है। बलूच अलगाववादी समूह सरकार, सेना और चीनी हितों पर हमले करते रहे हैं। उनका कहना है कि केंद्र सरकार क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का अनुचित दोहन कर रही है।
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) सबसे प्रमुख अलगाववादी समूह है। इसके अलावा बलूच लिबरेशन फ्रंट (BLF) और बलूचिस्तान राजी अंजुमन-ए-संगर (BRAS) जैसे संगठन भी सक्रिय हैं। ये समूह आम नागरिकों और विदेशी नागरिकों को निशाना बनाते हैं।
सैन्य अभियान की योजना
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह फैसला लिया गया कि बलूचिस्तान में व्यापक सैन्य अभियान चलाया जाएगा। इस बैठक सैन्य अधिकारी शामिल थे, जिनमें सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर भी थे।
सरकार का कहना है कि ये अलगाववादी समूह विदेशी शक्तियों के इशारे पर पाकिस्तान की आर्थिक प्रगति को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूरी है।
हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह सैन्य अभियान कब शुरू होगा और इसमें कौन-कौन सी सुरक्षा एजेंसियां शामिल होंगी। सरकार ने इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी है।
चीन और ईरान की भूमिका पर सवाल
बलूचिस्तान में चीन के बड़े निवेश हैं। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत यहां कई परियोजनाएं चल रही हैं। लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि इन परियोजनाओं से उन्हें कोई फायदा नहीं हो रहा है।
चीन ने हाल में पाकिस्तान के साथ आतंकवाद विरोधी संयुक्त अभ्यास की योजना बनाई है। वहीं ईरान भी अपने दक्षिण-पूर्वी सीस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में अलगाववादी समूहों के खिलाफ बड़ा सैन्य अभियान चला रहा है।
कुछ विश्लेषकों का कहना है कि चीन और ईरान की भूमिका से बलूचिस्तान में तनाव और बढ़ सकता है। उनका मानना है कि बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप से स्थिति और जटिल हो सकती है।
इस बीच, बलूच अधिकार समूहों ने सरकार पर जबरन गायब करने और न्यायेतर हत्याओं का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सरकार स्थानीय लोगों की भावनाओं को नजरअंदाज कर रही है।