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ARVIND KEJRIWAL: कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को भेजा एक और समन, केजरीवाल ने कहा, मोदी भगवान से डरो…

ARVIND KEJRIWAL

ARVIND KEJRIWAL: दिल्ली। शराब घोटाले से जुड़े एक मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (ARVIND KEJRIWAL) को समन भेजा है। ये समन ईडी की अर्जी पर भेजा गया है। कोर्ट ने केजरीवाल को 16 मार्च को पेश होने को कहा है। इससे पहले ईडी सीएम केजरीवाल को आठ समन भेज चुकी है। वह समन को अवैध बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि समन गैरकानूनी था लेकिन फिर भी वह ईडी के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने ईडी से 12 मार्च के बाद की तारीख मांगी। केजरीवाल ने कहा कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सवालों के जवाब देंगे।

केजरीवाल को बार-बार समन मिलने पर AAP का रुख

वहीं, ईडी द्वारा केजरीवाल को बार-बार समन भेजे जाने पर आम आदमी पार्टी (ARVIND KEJRIWAL) ने सवाल उठाया कि आखिर किस आधार पर ईडी ये समन जारी कर रही है। जब ईडी खुद इस मामले में कोर्ट चली गई है तो वह इंतजार क्यों नहीं कर सकती। ईडी सिर्फ अरविंद केजरीवाल को डराना चाहती है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ में फैसला सुनाया है वह अरविंद केजरीवाल से बदला लेने जैसा है। अगर ये सिर्फ कानूनी मामला होता तो ईडी कोर्ट के फैसले का इंतजार करती। आम आदमी पार्टी इससे डरने वाली नहीं है।

इससे पहले ईडी ने 8 समन भेजे थे…

आपको बता दें कि इससे पहले ईडी सीएम केजरीवाल को 8 समन (ARVIND KEJRIWAL) जारी कर चुकी है, लेकिन केजरीवाल अभी तक किसी भी नोटिस के जवाब में जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं। ऐसे में समन को नजरअंदाज करना उनके लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है, क्योंकि समन को नजरअंदाज करने से ईडी की धारा 19 के तहत असहयोग के आरोप में मुकदमा चलाने की जमीन मजबूत हो रही है।

इस मामले को लेकर AAP पर लटक रही है ईडी की तलवार

22 मार्च 2021 को मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में नई शराब नीति की (ARVIND KEJRIWAL) घोषणा की। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी आबकारी नीति 2021-22 लागू की गई। नई नीति लाने के बाद सरकार शराब कारोबार से बाहर हो गई, जिसके बाद सभी शराब की दुकानें निजी हाथों में चली गईं। इस नीति को लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार का राजस्व बढ़ेगा। हालाँकि, नई नीति शुरू से ही विवादास्पद थी। हंगामा बढ़ने पर 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति को रद्द कर पुरानी नीति बहाल कर दी।

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