जानिए केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने CBI को क्यों लगाई फटकार?
Arvind Kejariwal Bail Plea: सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिकाओं और नियमित जमानत की मांग पर सुनवाई पुरी हो गई है। जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। वहीं सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को गिरफ्तारी के दौरान फिर से गिरफ्तार करने पर CBI की आलोचना की।
कोर्ट ने CBI की आलोचना करते हुए क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब अरविंद केजरीवाल हिरासत में हैं, अगर आप उन्हें फिर से गिरफ्तार कर रहे हैं, तो आपको कोर्ट की अनुमति लेने की आवश्यकता है। कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में ‘दंड प्रक्रिया संहिता’ में कुछ प्रावधान हैं।
CBI का यह कदम ‘Insurance Arrest’
केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई द्वारा की गई अचानक से गिरफ्तारी पर कहा कि आप मनमानी तरीके से कार्रवाई नहीं कर सकते। बिना किसी आधार के गिरफ्तार करने के लिए अचानक नहीं आ सकते। सिंघवी ने तर्क किया कि CBI ने AAP के प्रमुख को ED मामले में रिहाई के कगार पर होने के समय गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि CBI का यह कदम एक “insurance arrest” था, जिसे उनके जेल में बने रहने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इस केस में सीबीआई के पास कुछ नया नही है।
अन्य आरोपियों को जमानत मिल गई है
सिंघवी ने आगे कहा कि सीबीआई ने CRPC की धारा 41ए के तहत जांच और पूछताछ के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में इस बात का सबूत है कि CBI केजरीवाल को गिरफ्तार नहीं करना चाहती थी। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले के सभी अन्य आरोपियों, AAP नेताओं मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, विजय नायर और BRS नेता के कविता को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है।
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को पहली बार 21 मार्च को ED ने मनी लॉन्डरिंग मामले में गिरफ्तार किया, जो कथित शराब नीति घोटाले से जुड़ा था। उन्हें 26 जून को CBI ने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया। सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को केजरीवाल को जमानत दी थी, लेकिन CBI द्वारा उनकी गिरफ्तारी के कारण वह तिहाड़ जेल में ही हैं।
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