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दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को असदुद्दीन ओवैसी ने दिया टिकट, इस सीट से लड़ेंगे चुनाव

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। वहीं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) भी अपने उम्मीदवारों को उतार रही है। अभी तक सामने आई जानकारी के मुताबिक असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएसआईएम ने मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र से ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को उम्मीदवार बनाया है।

दिल्ली दंगों का आरोपी AIMIM का उम्मीदवार

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन ने मंगलावर को घोषणा की है कि मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र से ताहिर हुसैन उम्मीदवार है। ताहिर हुसैन के खिलाफ दिल्ली दंगों में लोगों भड़काने और साजिश रचने का आरोप है। गौरतलब है कि ताहिर हुसैन की पत्नी शमा और बेटा शादाब आज यानी 10 दिसंबर को असदुद्दीन ओवैसी से मिलने उनके आवास पहुंचे हैं। इस मुलाकात के दौरान AIMIM नेता इम्तियाज जलील भी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक AIMIM अगले साल फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में लगभग 10 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। ऐसे में मुस्लिम सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। वहीं भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने भी दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी तेज कर दी है।

ओवैसी ने एक्स पर की घोषणा

बता दें कि इस मुलाकात के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक तस्वीर पोस्ट करके लिखा है कि ताहिर हुसैन AIMIM में शामिल हो गए हैं। वो आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र से हमारे उम्मीदवार होंगे। उन्होंने कहा कि उनके परिवार के सदस्य और समर्थक आज मुझसे मिले और पार्टी में शामिल हुए हैं।

जेल में बंद हैं ताहिर हुसैन

जानकारी के लिए बता दें कि ताहिर हुसैन फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों के आरोपी हैं। वह इससे पहले आम आदमी पार्टी से निगम पार्षद का चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि दंगों में नाम आने के बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था। इसके अलावा अभी हाल ही में ताहिर हुसैन को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मिली थी। अदालत ने दिल्ली दंगों के सिलसिले में ताहिर हुसैन के खिलाफ एक प्राथमिकी रद्द कर दी थी।

2020 में दर्ज हुई थी एफआईआर

दिल्ली दंगों को लेकर ताहिर हुसैन के खिलाफ एफआईआर 27 फरवरी 2020 को दर्ज की गई थी। यह एफआईआर इमारत की पहली मंजिल पर दंगा और उपद्रव के मामले में पीड़ितों की शिकायत पर कराई गई थी।