Rajasthan में फिर से एक बार Ashok Gehlot V/s Sachin Pilot
Jaipur : राजस्थान में फिर से एक बार सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) का मनमुटाव खुलकर सामने आया है. साल 2008 जयपुर सीरियल ब्लास्ट में हाईकोर्ट से बरी हुए आरोपियों के मामले पर सचिन पायलट ने बिना नाम लिए अपनी सरकार को निशाना साधा है. सीएम अशोक गहलोत ने इसी बीच एलान किया है कि, राजस्थान सरकार जल्द ही हाईकोर्ट के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी.
71 लोगों की हत्या के आरोपियो के बरी होने पर सीएम गहलोत बीजेपी के साथ-साथ सचिन पायलट के निशाने पर आ गए थे। पायलट ने पत्रकार परिषद में इशारों में ही गहलोत पर निशाना साधा। गृह विभाग सीएम गहलोत के पास है। ऐसे में पायलट ने गृह विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया था। सीएम अशोक गहलोत ने तेवरों को देखते हुए ही अतिरिक्त महाधिवक्ता की सेवाएं समाप्त कर स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की है।
सचिन पायलट ने जमकर गृह विभाग पर हमला बोला
2008 जयपुर सीरियल ब्लास्ट के आरोपियों के बरी होने के मामले में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री के गृह विभाग पर सवाल उठाए हैं। सचिन पायलट ने कहा कि सबको पता है ब्लास्ट हुए थे और आरोपियों को पकड़ा गया था। लोअर कोर्ट से मौत की सजा पाए आरोपी अगर जांच में कमी की वजह से छूट जाएं तो यह गंभीर मामला है। जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए। हमें सभी पीड़ितों को जवाब देना है, उन्हें न्याय दिलाना है। अगर हम कोर्ट से न्याय नहीं दिलवा पा रहे हैं तो कोई कमी है। पायलट ने कहा कि गृह विभाग और लॉ डिपार्टमेंट को ही देखना पड़ेगा कि मौत की सजा सुनाने के बाद भी अगर हाईकोर्ट में जांच की खामियों के कारण आरोपी छूट जाए तो यह बहुत गंभीर मामला है। इन्वेस्टिगेशन ढंग से नहीं हुआ,कमियां रह गई थी। जिम्मेदार लोगों की जांच होनी चाहिए। ऐसे कैसे हुआ? किसी ने तो ब्लास्ट किया होगा ?
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केस में कमजोर पैरवी के वजह से चारों आरोपी बरी हो गए। सभी आरोपियों को ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने खामियों की वजह से सभी आरोपियों को बरी कर दिया। अशोक गहलोत सरकार हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 के जिला न्यायालय के फैसले को पलटते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय ने सभी आरोपियों को बरी किया है। फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।