Atal Bihari Birthday: ग्वालियर, मध्य प्रदेश का वो शहर, जो अपनी ऐतिहासिक धरोहर और संगीत के अलावा, अपने स्वादिष्ट खाने-पीने के लिए भी जाना जाता है। इस शहर से जुड़ी एक खास बात यह है कि यहां के कुछ खाने के व्यंजन देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दिल के बहुत करीब थे। अटल जी को ग्वालियर के लड्डू और मंगौड़े बेहद पसंद थे। यही कारण था कि जब भी कोई ग्वालियर से दिल्ली जाता, तो ये लड्डू और मंगौड़े उनके लिए साथ लेकर जाता था। आइए जानें ग्वालियर के इन लड्डू और मंगौड़ों की दिलचस्प कहानी, और कैसे ये साधारण सी चीज़ें अटल जी के पसंदीदा बन गईं।
ग्वालियर के लड्डुओं से अटल जी को था प्यार
ग्वालियर के नया बाजार में एक पुरानी मिठाई की दुकान है, जहां कोयले की आंच पर लड्डू बनाए जाते हैं। इन लड्डुओं की खास बात ये है कि इनका स्वाद एकदम अलग और अनोखा होता है। ये लड्डू बारीक बूंदी से बनते हैं और कोयले की आंच पर पकने के कारण इनका स्वाद बहुत ही लाजवाब होता है। अटल जी जब युवा थे, तो वे अपने दोस्तों के साथ अक्सर यहां लड्डू खाने आते थे। फिर जब वे प्रधानमंत्री बने, तो ग्वालियर से दिल्ली जाते वक्त इन लड्डुओं का आना-जाना लगातार जारी रहा।
ये भी पढ़ें- मायावती के भतीजे आकाश आनंद के विपक्ष पर तीखे बोल, कहा ‘हमारी नीले क्रांति को बनाया फैशन शो’
दुकानदार बताते हैं, “अटल जी को हमारे लड्डू बहुत पसंद थे। जब भी कोई ग्वालियर से दिल्ली जाता, वो हमारे लड्डू लेकर जरूर जाता था।” यही लड्डू बाद में उनके पसंदीदा बन गए और ग्वालियर के इस छोटे से बाजार की मिठाई देश भर में मशहूर हो गई।
चाची के मंगौड़े: अटल जी के पसंदीदा स्नैक
अब बात करते हैं ग्वालियर के अग्रसेन पार्क के पास स्थित मंगौड़े वाली चाची की दुकान की। यहां शाम होते ही, ताजे मंगौड़े और उनकी खुशबू से पूरा इलाका महक उठता था। यह दुकान शुरू हुई थी सिर्फ पांच रुपये में, लेकिन आज भी यह लोगों की ज़ुबान पर है। चाची अटल जी को बहुत प्यार करती थीं और उन्हें सुदामा कहकर बुलाती थीं। अटल जी भी चाची के मंगौड़ों के बहुत बड़े फैन थे और जब भी ग्वालियर आते, तो उनके लिए चाची के हाथों के बने मंगौड़े ज़रूर खाते थे।
ग्वालियर से दिल्ली जाने वाले हर शख्स के पास चाची के कच्चे-पक्के मंगौड़े जरूर होते थे, जो वे अटल जी के लिए लेकर जाते थे। लोग बताते हैं, “ग्वालियर से दिल्ली जाने वाला हर व्यक्ति अटल जी के लिए मंगौड़े लेकर जाता था।”
चाची अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके परिवारवाले वही स्वादिष्ट मंगौड़े अब भी उसी दुकान पर बनाते हैं। हालांकि, आज तक उन्हें वही जगह नहीं मिल पाई, जो उन्हें प्रशासन से मिली थी। फिर भी उनका काम आज भी जारी है, और लोग उनके मंगौड़ों का स्वाद लेने के लिए दूर-दूर से आते हैं।
ग्वालियर और अटल जी का प्यारा रिश्ता
अटल जी का ग्वालियर के लड्डू और मंगौड़ों से जुड़ा प्यार सिर्फ उनके खाने की पसंद का मामला नहीं था, बल्कि यह उनके गहरे रिश्ते का प्रतीक था। जब वह प्रधानमंत्री बने, तो भी इन सादा और प्यारे व्यंजनों के साथ उनका जुड़ाव बना रहा। ग्वालियर के इन लड्डू और मंगौड़ों ने उनके दिल में घर बना लिया था और उनका स्वाद हमेशा उनके साथ रहता था, चाहे वह दिल्ली में हो या ग्वालियर में।
ये भी पढ़ें- क्या राहुल गांधी ने जानबूझकर बीजेपी सांसदों को चोट पहुंचाई? CISF ने किया बड़ा खुलासा
इस तरह, ग्वालियर के ये दो खास स्वाद – लड्डू और मंगौड़े – अटल जी के जीवन का हिस्सा बन गए और हमेशा उनकी यादों में रहेंगे। आज जब हम अटल जी की जयंती मनाते हैं, तो इन व्यंजनों के माध्यम से हम उन यादों को फिर से जीते हैं, जो उन्होंने अपने घर और बचपन से जोड़ी थीं।