उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद दोषी करार

उमेश पाल अपहरण मामले में प्रयागराज की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। 17 साल पुराने अपहरण के इस मामले में कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई समेत 10 आरोपियों को दोषी करार दिया है। 
प्रयागराज कोर्ट के फैसले से अतीक अहमद को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। अतीक के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उनकी जान को खतरा है। वकील ने कोर्ट से सुरक्षा मांगी। उस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अतीक को जेल लाया जा चुका है। आप हाईकोर्ट जाइए। राज्य सुरक्षा का ख्याल रखेगा।
दरअसल धूमनगंज इलाके में 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। इसका आरोप अतीक और उसके भाई अशरफ और उसके साथियों पर लगाया गया था। और 2006 में विधायक राजू पाल के गवाह उमेश पाल का अपहरण कर लिया गया। इसके बाद साल 2007 में जब मायावती की सरकार आई तो इस मामले में उमेश पाल ने 11 लोगों के खिलाफ धूमनगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। 

मामले की सुनवाई 23 मार्च को पूरी हुई। मामले के 11 आरोपियों में से एक की मौत हो चुकी है जबकि 10 पर आरोप तय हो चुके हैं। इनमें अतीक अहमद, उसका भाई खालिद अजीम उर्फ ​​अशरफ, उसका दोस्त आबिद प्रधान, आशिक उर्फ ​​मल्ली, जावेद इसरार, एजाज अख्तर, दिनेश पासी व दो अन्य शामिल हैं। 
उमेश पाल की पत्नी और मां मीडिया के सामने रो पड़ीं। उन्होंने कहा कि अगर अतीक को फांसी नहीं हुई तो वह किसी को नहीं बख्शेंगे. इसके अलावा उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा, ‘अतीक को फांसी दी जानी चाहिए, ताकि अशरफ और अतीक जैसे गैंगस्टर दोबारा पैदा न हों। मेरे बच्चे अनाथ हो गए हैं। मेरे पति के हत्यारों को फांसी होनी चाहिए, अगर वह बच गए तो मैं नहीं बचूंगी। हमें योगी सरकार पर पूरा भरोसा है।
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