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केजरीवाल की ‘भरत’ बनी आतिशी, उस कुर्सी पर नहीं बैठीं, जिस पर बैठते थे CM

आतिशी ने CM का पदभार संभाला
आतिशी ने CM का पदभार संभाला

आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी ने दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री के तौर पर पदभार ग्रहण कर लिया है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वे चार महीने तक मुख्यमंत्री के रूप में काम करेंगी, जैसे भरत ने भगवान राम की ‘खड़ाऊं’ को सिंहासन पर रखकर शासन किया था। आतिशी ने उम्मीद जताई कि लोग अगले फरवरी में होने वाले चुनाव में अरविंद केजरीवाल को फिर से जीताकर लाएंगे, और तब तक के लिए उनकी कुर्सी मुख्यमंत्री कार्यालय में रखी रहेगी।

आतिशी ने बताया कि केजरीवाल ने राजनीति में गरिमा और नैतिकता की मिसाल पेश की है, लेकिन भाजपा ने उनकी छवि को खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शनिवार को उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के साथ शपथ ली और उन 13 विभागों को बरकरार रखा है, जो पहले केजरीवाल के पास थे। इनमें शिक्षा, राजस्व, वित्त, बिजली और लोक निर्माण विभाग शामिल हैं। सौरभ भारद्वाज ने भी शनिवार को अपने आठ विभागों का कार्यभार संभाला।

भरत जी की भावना

मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि आज उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद संभाला है। उन्होंने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि आज उनका मन भी उसी स्थिति में है, जैसी भरत जी की थी। आतिशी ने उदाहरण देते हुए कहा, “जैसे भरत जी ने भगवान श्रीराम की खड़ाऊं रखकर शासन किया, मैं भी अगले चार महीने इसी भावना के साथ काम करूंगी।”

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उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह कुर्सी अरविंद केजरीवाल की है और उन्हें विश्वास है कि फरवरी में होने वाले चुनाव में दिल्ली की जनता उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाएगी। तब तक, केजरीवाल की कुर्सी मुख्यमंत्री कार्यालय में यहीं रहेगी।

बीजेपी पर कटाक्ष

आतिशी ने शपथ लेने के बाद बीजेपी और केंद्र सरकार पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने राजनीति में नैतिकता और गरिमा का उदाहरण पेश किया है, लेकिन पिछले दो वर्षों में बीजेपी ने उन पर कीचड़ उछालने का काम किया। उन्होंने यह भी बताया कि केजरीवाल को छह महीने जेल में रखा गया, जबकि कोर्ट ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी राजनीतिक द्वेष से भरी थी।

विभागों का कार्यभार

आतिशी ने 13 महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार अपने पास रखा है, जो पहले केजरीवाल के पास थे। इनमें शिक्षा, वित्त, बिजली और लोक निर्माण विभाग शामिल हैं। इसके अलावा, नए मंत्री मुकेश अहलावत को श्रम और भूमि एवं भवन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। गोपाल राय को विकास और पर्यावरण विभाग का कार्यभार सौंपा गया है। इससे साफ है कि आतिशी अपनी टीम को सही दिशा में ले जाना चाहती हैं।

चुनावों की तैयारी

आतिशी की नई सरकार के सामने कई लंबित योजनाएँ और परियोजनाएँ हैं, जिन्हें अगले कुछ महीनों में पूरा करना है। ये योजनाएँ अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले जनता के सामने आनी चाहिए। नई सरकार को अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करना होगा ताकि जनता की उम्मीदों पर खरी उतर सके।

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आतिशी का यह कदम न केवल एक नई शुरुआत है, बल्कि यह दिल्ली के लोगों के लिए एक नया दृष्टिकोण भी प्रस्तुत करता है। उनकी मेहनत और समर्पण से उम्मीद है कि वे दिल्ली की जनता की उम्मीदों पर खरे उतरेंगी।

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