बांग्लादेश में एक बार फिर एक हिंदू पुजारी को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि इस्कॉन से जुड़े हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का आक्रोश अभी कम नहीं हुआ था, अब एक बार फिर से दूसरे हिंदू पुजारी की गिरफ्तारी से आक्रोश बढ़ गया है। गिरफ्तार हुए हिंदू पुजारी की पहचान श्याम दास के रूप में हुई है। कहा जा रहा है कि श्याम दास प्रभु जेल में बंद चिन्मय कृष्ण दास से मिलने गए थे।
फिर हिंदू पुजारी की गिरफ्तारी
बांग्लादेश में हिंदुओं को लगातार टारगेट किया जा रहा है। हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद अब श्याम दास की गिरफ्तारी ने एक बार फिर से हिंदू समुदाय को आक्रोशित कर दिया है। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक श्याम दास प्रभु जेल में बंद चिन्मय कृष्ण दास से मिलने गए थे। जिसके बाद उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया था। वांरट जारी होते ही उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि इनके खिलाफ कोई वारंट नहीं है और जबरदस्ती चटगांव पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
हिंदू आक्रोशित
बांग्लादेश में बीते कुछ समय से हिंदूओं पर जारी लगातार हिंसा और सरकार द्वारा टारगेट किए जाने से हिंदू समुदाय आक्रोशित है। अब पुजारी श्याम दास की गिरफ्तारी से बांग्लादेश सरकार के खिलाफ आक्रोश और बढ़ गया है। वहीं इस्कॉन कोलकाता के वाइस प्रेसिडेंट राधारमण दास ने अपने एक्स अकाउंट से श्याम दास प्रभु की गिरफ्तारी की खबर शेयर की है। उन्होंने बताया कि एक और ब्रह्मचारी श्याम दास प्रभु को चटगांव पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एक अन्य पोस्ट में उन्होंने श्याम दास प्रभु की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, क्या वह आतंकवादी जैसा दिखता है #FreeISKCONMonks Bangladesh. निर्दोष #ISKCON ब्रह्मचारियों की गिरफ्तारी बेहद चौंकाने वाली और परेशान करने वाली है।
सड़कों पर उतरे लोग
बांग्लादेश में पुजारी की गिरफ्तारी के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी जारी है। वहीं देश के कई इलाकों में भारी संख्या में हिन्दू समुदाय के लोग जमा होकर विरोध जता रहे हैं। इस्कॉन से जुड़े पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की मांग की जा रही है।
चिन्यम कृष्ण पर देशद्रोह के आरोप
बता दें कि इससे पहले बांग्लादेश के इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) के पूर्व सदस्य हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किया गया था।उन पर देशद्रोह के आरोप लगाए गए हैं। इतना ही नहीं उन्हें जमानत देने से भी इनकार कर दिया गया था। जिसके बाद से ही बांग्लादेश की राजधानी ढाका, चटगांव समेत कई इलाकों में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।