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ऐसा माना जाता है कि चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु विश्राम करते हैं और सभी शुभ कार्य रुक जाते हैं। भक्त इस अवधि को आध्यात्मिक चिंतन के साथ पवित्रता और तपस्या पर ध्यान केंद्रित करते हुए मनाते हैं।

छठ महापर्व को लेकर हर जगह भक्तिमई माहौल बना रहा। घाटों और घरों पर चारों ओर छठ मैया के ही गीत गूंजते रहे। अधिकतर जगहों पर दो दिन पहले दिवंगत हुईं स्वर्गीय शारदा सिन्हा के ही गीत गूंजते रहे।

छठ पूजा के तीसरे दिन संध्या पूजा की जाती है। इस साल छठ पूजा की शुरुआत 5 नवंबर को नहाय खाय के साथ हुई। त्योहार का तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण दिन, आज (7 नवंबर) मनाया जा रहा है।

आंवला नवमी का दिन भी अक्षय तृतीया के सामान ही अत्यन्त महत्वपूर्ण होता है। आंवला नवमी के दिन सतयुग का आरम्भ हुआ था तो वहीं अक्षय तृतीया के दिन त्रेतायुग का आरम्भ हुआ था।

गुड़ ब्लड वेसल्स (Jaggery for heart health) को फैलाने में मदद करता है, जो हार्ट सहित पूरे शरीर में बेहतर ब्लड फ्लो को बढ़ाता है। बेहतर सर्कुलेशन यह सुनिश्चित करता है कि हृदय को ब्लड पंप करने के लिए अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती है,

Chhath Puja 2024 Kharna: आज चार-दिवसीय छठ पूजा का दूसरा दिन है। इस दिन खरना के रूप में मनाया जाता है। खरना का छठ पूजा में विशेष महत्व होता है। आज छठ व्रती दिन भर निर्जला उपवास रख कर शाम को शुभ मुहूर्त (Chhath Puja 2024 Kharna) में पूजा के पश्चात रोटी और गुड़, चावल […]

लिवर की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी के कारण पाचन संबंधी समस्याएं अक्सर पीलिया के साथ होती हैं। गन्ने के रस में आहार फाइबर और नेचुरल रूप से पाए जाने वाले एंजाइम होते हैं जो पाचन में सहायता करते हैं,

Chhath Puja Kharna 2024: आज नहाय खाय से छठ महापर्व की शुरुआत हो गयी है। यह त्योहार चार दिनों तक मनाया जाएगा। छठ के पहले दिन को नहाय खाय के नाम से जाना जाता है और दूसरे दिन को खरना (Chhath Puja Kharna 2024) कहा जाता है. इस साल खरना 6 नवंबर, बुधवार को है। […]

छठ पर्व में खरना का बहुत महत्व होता है। खरना छठ पर्व का दूसरा दिन होता है। हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को खरना मनाया जाता है। यह 6 नवंबर बुधवार को मनाया जाएगा।

छठ पूजा हिंदू माह कार्तिक में मनाया जाता है। यह 4 दिवसीय उपवास शुक्ल चतुर्थी को शुरू होता है और शुक्ल सप्तमी को समाप्त होता है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण दिन शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि की रात होती है। यह त्योहार दिवाली के छह दिन बाद मनाया जाता है।