Ayodhya in Thailand: उत्तर प्रदेश की अयोध्या की तरह थाईलैंड (Thailand) में भी एक अयोध्या है. इस जगह का नाम सिर्फ अयोध्या ही नहीं है, बल्कि यहां के राजाओं को भी राम की उपाधि मिलती है, जो यहां की पुरानी परंपरा है। थाईलैंड के अयुत्या शहर का नाम प्राचीन भारतीय शहर अयोध्या के नाम पर रखा गया है। यहां एक राजवंश है, जिसके हर राजा को राम का अवतार माना जाता है। इतना ही नहीं, इस शहर में विभिन्न धर्मों के लाखों राम भक्त हैं, थाईलैंड की यह अयोध्या क्यों खास है।
थाईलैंड में अयोध्या
थाईलैंड की सीमा भले ही भारत से न लगती हो लेकिन यह हिंदू धर्म से प्रेरित है। यहां राजा राम को भगवान की तरह पूजा जाता है। यहां वाल्मिकी द्वारा लिखित रामायण को महाकाव्य माना जाता है। यह स्थान चोपड़ाया पलक और लोबपुरी नदी के बीच स्थित है और इस स्थान का नाम अयुत्या भारत के अयोध्या से प्रेरित है।
ये शहर कैसे बसा था ?
कहा जाता है कि भगवान राम कभी थाईलैंड की धरती पर नहीं आये. भारत से कई तमिल यहां आकर बसे हैं। तमिल लोग यहां बस गए और हिंदू धर्म का प्रचार किया। यहां के राजा भी भगवान राम को मानने लगे। वर्ष 1360 तक यहां बौद्ध धर्म का पालन करना आवश्यक था, लेकिन जब राजा ने देखा कि स्थानीय लोग भी भगवान राम में गहरी आस्था रखते हैं, तो उन्होंने भी श्री राम पर विश्वास करना शुरू कर दिया।
थाईलैंड का राष्ट्रीय ग्रन्थ आज भी ‘रामायण’ है
थाईलैंड (Thailand) का प्राचीन नाम ‘सियाम’ था। है। 1612 तक अयोध्या सियाम की राजधानी थी। यहां के स्थानीय लोग स्थानीय भाषा में अयोध्या को अयुत्या कहते हैं। थाईलैंड का राष्ट्रीय धर्मग्रंथ आज भी ‘रामायण’ है। जिसे यहां की थाई भाषा में ‘रामिकिन्ने’ कहा जाता है। इसका अर्थ है राम की महिमा. रामिकिने-आधारित नाटकों और कठपुतली शो को थाईलैंड में धार्मिक कृत्य माना जाता है।
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