Badlapur Child Abuse Case: महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर स्थित आदर्श स्कूल में दो छोटी बच्चियों के यौन शोषण के मामले की सुनवाई बॉम्बे हाईकोर्ट में 22 अगस्त को हुई। कोर्ट ने मामले को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि अगर स्कूल ही सुरक्षित नहीं है तो शिक्षा के अधिकार और अन्य बातों की क्या प्रासंगिकता रह जाती है। कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि यदि राज्य सरकार और पुलिस मामले को दबाने की कोशिश करेंगे, तो वह कड़ी कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगी।
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने सरकार से केस डायरी और FIR की कॉपी भी मांगी। एडवोकेट जनरल बीरेंद्र सराफ ने सरकार का पक्ष रखा। अगले सुनवाई की तारीख 27 अगस्त तय की गई है।
घटना 12 और 13 अगस्त को आदर्श स्कूल में हुई, जहां सफाईकर्मी अक्षय शिंदे ने 3 और 4 साल की दो बच्चियों के साथ यौन शोषण किया। कोर्ट ने बुधवार को स्वत: संज्ञान लिया था और स्कूल प्रशासन के खिलाफ मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया, यह भी पूछा।
कोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि क्या बच्चियों ने स्कूल प्रशासन से शिकायत की थी और क्या पुलिस ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ केस दर्ज किया है। पॉक्सो एक्ट के तहत स्कूल प्रशासन को भी आरोपी बनाया जा सकता है। सरकार ने कहा कि SIT का गठन किया गया है और केस जल्द दर्ज किया जाएगा। कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि FIR के तुरंत बाद स्कूल अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए था।
पुलिस ने जानकारी दी कि आरोपी को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया और लोकल कोर्ट ने उसे 26 अगस्त तक पुलिस कस्टडी में भेजा है। घटना के विरोध में 20 अगस्त को बदलापुर में व्यापक प्रदर्शन हुए, जिसके बाद इंटरनेट बंद किया गया और स्कूल भी बंद रहे।
विपक्षी दल महाविकास अघाड़ी ने इस घटना के विरोध में 24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है। सीएम एकनाथ शिंदे ने प्रदर्शन को राजनीतिक बताया और दावा किया कि अधिकांश प्रदर्शनकारी बाहरी थे।
हंगामे के दौरान 17 पुलिसकर्मी घायल हुए और 300 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई। 72 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया है और इसे फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा।