बहराइच हिंसा

बहराइच कांड: हत्या के बाद बवाल… पथराव-आगजनी और लाठीचार्ज, जानें कैसे शुरू हुआ था विवाद?

bahraich communal violence: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में 13 अक्टूबर को हुई हिंसा के बाद से तनाव का माहौल बना हुआ है। रामगोपाल मिश्रा नामक युवक की हत्या के बाद सैकड़ों ग्रामीण सड़कों पर उतर आए हैं। वे प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। घटना ने पूरे जिले में खलबली मचा दी है और प्रशासन पर दबाव बढ़ा दिया है।

परिजनों और स्थानीय निवासियों ने रामगोपाल का शव महसी तहसील के मुख्यालय पर रख दिया है। मृतक के परिवार के सदस्य और अन्य ग्रामीण पुलिस प्रशासन से नाराज हैं और उन्होंने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है। इस बीच, डीएम, एसपी और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भीड़ का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

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जानें पूरा मामला..

यह हिंसा तब शुरू हुई जब बहराइच के महाराजगंज कस्बे में दुर्गा मूर्ति विसर्जन यात्रा निकाली जा रही थी। यात्रा के दौरान डीजे बजाने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हुआ। इस विवाद के दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने पथराव शुरू कर दिया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। इसके बाद फायरिंग की भी घटनाएं हुईं, जिसमें रामगोपाल मिश्रा को गोली लग गई। और कई लोग घायल हो गए।

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घटना के बाद रामगोपाल को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रामगोपाल की मौत की सूचना फैलते ही लोग सड़कों पर उतर आए और तोड़फोड़ करने लगे। घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने में काफी मुश्किलें आईं।

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सीएम योगी ने लिया संज्ञान

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का संज्ञान लिया है और लखनऊ में एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे दोषियों को पकड़ने के लिए तुरंत कार्रवाई करें और जो लोग लापरवाही बरतेंगे, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। योगी ने कहा है कि प्रशासन और पुलिस को चाहिए कि वे स्थानीय धार्मिक संगठनों के साथ संवाद करें ताकि मूर्तियों का विसर्जन सुचारू रूप से किया जा सके।

 

बहराइच जिले के हरदी थाना क्षेत्र में तनाव को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि शांति बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। महिला डीएम मोनिका रानी और एसपी वृंदा शुक्ला मौके पर मौजूद हैं और वे भीड़ को समझाने का प्रयास कर रही हैं।

इसके साथ ही, सुरक्षा बलों ने प्रभावित क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी है। स्थानीय लोगों से अपील की जा रही है कि वे शांति बनाए रखें और किसी भी तरह की भड़काऊ गतिविधियों से दूर रहें।

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आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं

हिंसा के बाद, कई लोग अपनी नाराजगी व्यक्त करने के लिए सड़कों पर उतर आए और तोड़फोड़ शुरू कर दी। लोगों ने वाहनों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। कई स्थानों पर पुलिस ने बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए।

घटना के बाद से पूरे जिले में डर का माहौल है। कई दुकानें बंद हो गई हैं और लोग अपने-अपने घरों में रहने को मजबूर हैं। प्रशासन ने सुरक्षा बलों को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया है ताकि किसी भी प्रकार की और हिंसा को रोका जा सके।

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स्थानीय नेताओं ने कि घटना की निंदा 

स्थानीय नेताओं ने भी इस घटना की निंदा की है और उन्होंने शांति की अपील की है। वे मांग कर रहे हैं कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। नेताओं ने प्रशासन से भी अपील की है कि वे स्थिति को जल्दी से सामान्य करें और लोगों की चिंताओं को सुनें।

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जिला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है। अधिकारियों ने कहा है कि वे इलाके में शांति बनाए रखने के लिए सभी जरूरी उपाय करेंगे।

सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे स्थानीय लोगों के साथ संवाद स्थापित करें और उनकी चिंताओं का समाधान करें। इसके साथ ही, हिंसा के पीछे की कारणों की भी जांच की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।