Bangladesh hindu protest: बांग्लादेश में हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी के बाद देश के कई हिस्सों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सोमवार को ढाका हवाई अड्डे से गिरफ्तार किए गए चिन्मय प्रभु की रिहाई की मांग को लेकर हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। राजधानी ढाका और चटगांव जैसे बड़े शहरों में हुए इन प्रदर्शनों के दौरान हिंसक झड़पें भी हुई हैं, जिसमें तकरीबन 20 लोग घायल हुए हैं।
ढाका में हिंसक प्रदर्शन, कई घायल
ढाका विश्वविद्यालय (Dhaka University) के सामने और शाहबाग स्क्वायर में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाया गया। शाहबाग इलाके में हिंदू समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर नारेबाजी की और प्रमुख सड़कों को जाम कर दिया। इस दौरान अज्ञात हमलावरों ने प्रदर्शनकारियों पर हमला कर दिया, जिसमें कई लोग घायल हो गए। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस्कॉन के सदस्यों ने भी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन किया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शाम के समय जब प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ गई, तो पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ढाका विश्वविद्यालय के पास हुई झड़प में कम से कम 10 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है।
चटगांव में भी हिंसक प्रदर्शन
राजधानी ढाका (Dhaka) के अलावा देश के दूसरे सबसे बड़े शहर चटगांव (chatgaon) में भी हिंदू समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। यहां भी प्रदर्शनकारियों पर हमले की खबरें सामने आई हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग अपने मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट जलाकर विरोध जता रहे हैं। चटगांव में हुई हिंसा में कम से कम 5 लोगों के घायल होने की खबर है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बरिशाल, खुलना और कुमिल्ला जैसे अन्य शहरों में भी विरोध प्रदर्शन हुए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि चिन्मय कृष्ण दास को बिना किसी वजह के गिरफ्तार किया गया है और उनकी तत्काल रिहाई होनी चाहिए।
कौन है चिन्मय कृष्ण दास
चिन्मय कृष्ण दास प्रभु (chinmay krishna das) बांग्लादेश के एक प्रमुख हिंदू नेता हैं और समिलिता सनातनी जोट नामक संगठन के नेता हैं। वे पिछले कुछ समय से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। सोमवार को उन्हें ढाका हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया गया और अज्ञात स्थान पर ले जाया गया।
बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, चिन्मय कृष्ण दास पर अक्टूबर में एक रैली के दौरान बांग्लादेश के झंडे का अपमान करने का आरोप है। हालांकि, उनके समर्थकों का कहना है कि उन्हें हिंदुओं के अधिकारों की आवाज उठाने के लिए निशाना बनाया जा रहा है।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुकांत मजूमदार ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की निंदा की है और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि चिन्मय प्रभु बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए लगातार काम कर रहे थे और उनकी गिरफ्तारी अन्यायपूर्ण है।