Banswara Lok Sabha Seat

Banswara Lok Sabha Seat: बांसवाड़ा सीट पर कैसे कमजोर हुई कांग्रेस..? आखिर पर्चा भरने के बाद देना पड़ा बीएपी को समर्थन

Banswara Lok Sabha Seat: बांसवाड़ा। राजस्थान की 12 लोकसभा सीटों पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा। इस समय राजस्थान की कुछ सीटों पर मुकाबला बेहद करीबी माना जा रहा है। राजस्थान की बात करें तो यहां ज्यादातर सीटों पर बीजेपी के पक्ष में काफी माहौल बनता दिखाई दे रहा है। वहीं कई सीटों पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार हावी नज़र आ रहे है। लेकिन बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट (Banswara Lok Sabha Seat) पर बीएपी और भाजपा में सीधी टक्कर दिखाई दे रही है।

Banswara Lok Sabha Seat

बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। लेकिन इस बार परिस्थिति कांग्रेस के विपरीत चली गई। कांग्रेस पार्टी ने यहां से अपना उम्मीदवार तय किया, लेकिन फिर पर्चा भरने के बाद बीएपी को समर्थन दे दिया। चलिए जानते हैं इस सीट से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां…

Banswara Lok Sabha Seat

बांसवाडा-डूंगरपुर सीट पर 26 अप्रैल को वोटिंग:

बता दें आदिवासी बाहुल्य इस सीट पर लोकसभा चुनाव के लिए मतदान दूसरे चरण में होगा। चुनाव आयोग ने दूसरे चरण के मतदान के लिए 26 अप्रैल की तारीख तय की है। बता दें आजादी के बाद बाद से इस सीट पर कांग्रेस पार्टी का दबदबा रहा है। पिछले साल ही हुए विधानसभा चुनाव में बांसवाडा-डूंगरपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली बांसवाडा की 5 और डूंगरपुर की 3 विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने सर्वाधिक वोट हासिल किये थे। लेकिन दिग्गज नेता महेंद्रजीत मालवीय के भाजपा में जाने के चलते कांग्रेस को मजबूरी में बीएपी से गठबंधन करना पड़ा।

Banswara Lok Sabha Seat

बांसवाडा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस का दबदबा:

कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान में कई सीटों पर कई सालों तक अपना प्रभाव बनाए रखा। इसमें एक सीट बांसवाडा-डूंगरपुर की भी शामिल रही है। लेकिन धीरे-धीरे इस सीट पर राजनीतिक समीकरण कांग्रेस पार्टी के विपरीत जाने लग गए। अगर इस सीट पर अब तक हुए 17 चुनावों के परिणाम पर नज़र डाले तो यहां कांग्रेस ने 12 बार जीत दर्ज की। लेकिन अब स्थिति कुछ अलग नज़र आ रही है। कांग्रेस उम्मीदवार के यहां से पर्चा भरने के बाद पार्टी ने बीएपी से गठबंधन कर लिया। बांसवाडा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर पार्टी के नेताओं की अंदरूनी खींचतान का असर पड़ा है।

Banswara Lok Sabha Seat

समय रहते कांग्रेस नहीं उतार पाई अपना मजबूत प्रत्याशी:

बता दें विधानसभा चुनाव के बाद से ही बांसवाडा-डूंगरपुर सीट के लिए राजनीति गरमा गई थी। इस क्षेत्र के दिग्गज नेता महेंद्रजीत मालवीय ने भाजपा पार्टी ज्वाइन कर ली। डूंगरपुर के एक वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि विधानसभा चुनाव के प्रदर्शन को देखते हुए कांग्रेस वागड़ में काफी मजबूत स्थिति थी अगर समय रहते कांग्रेस एक मजबूत उम्मीदवार को टिकट देती तो मुकाबला टक्कर का हो सकता था, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा ना करके बीएपी से गठबंधन किया है। जिससे स्थानीय कांग्रेसी नेताओं में अन्दर खाने नाराजगी है।

यह भी पढ़ें : Loksabha Election 2024 : 102 सीटों पर वोटिंग का काउंटडाउन, आज शाम 6 बजे थमेगा प्रचार, यह पाबंदी भी !

बांसवाडा-डूंगरपुर सीट का इतिहास:

1. 2019 –  कनकमल कटारा (भाजपा)

2. 2014 – मानशंकर निनामा (भाजपा)

3. 2009 – ताराचंद भगोरा (कांग्रेस)

4. 2004 – धनसिंह रावत (भाजपा)

5. 1999 – ताराचंद भगोरा (कांग्रेस)

6. 1998 – महेंद्रजीत सिंह (कांग्रेस)

7. 1996 – ताराचंद भगोरा (कांग्रेस)

8. 1991 – प्रभुलाल रावत (कांग्रेस)

9. 1989 – हीरा भाई (जनता दल)

10. 1984 – प्रभुलाल रावत (कांग्रेस)

11. 1980 – भीखा भाई (कांग्रेस)

12. 1977 – हीरा भाई (भारतीय लोक दल)

13. 1971 – हीरालाल (कांग्रेस)

14. 1967 – हिरजी (कांग्रेस)

15. 1962 – रतनलाल (कांग्रेस)

16. 1957 – भोगजी (कांग्रेस)

17. 1952 – भीखा भाई (कांग्रेस)

ये भी पढ़ें: जयपुर सांसद रामचरण बोहरा को जान से मारने की धमकी, कहा- दिल्ली दूर है