Banswara Loksabha Election 2024: बांसवाड़ा। लोकसभा चुनाव में राजस्थान के वागड़ अंचल की डूंगरपुर- बांसवाड़ा सीट पर कांग्रेस और भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के बीच गठबंधन की अटकलों पर पूर्ण विराम लग गया है। कांग्रेस ने यहां गठबंधन की अटकलों को खारिज करते हुए अरविंद डामोर को प्रत्याशी बनाया है। जिसके बाद यहां भाजपा के महेंद्रजीत मालवीय, कांग्रेस के अरविंद डामोर और बीएपी के राजकुमार रोत के बीच रोचक त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला है।
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ऐन वक्त तक बना रहा सस्पेंस
बांसवाड़ा- डूंगरपुर सीट पर लोकसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन भरने के आखिरी दिन नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। कांग्रेस ने नामांकन का समय खत्म होने से सिर्फ तीन घंटे पहले पूर्व राज्यमंत्री अर्जुन सिंह बामनिया को प्रत्याशी घोषित किया। इसकी सूचना मिलने पर डूंगरपुर से पूर्व सांसद ताराचंद भगोरिया, पूर्व राज्यमंत्री शंकर यादव, विधायक गणेश घोघरा सहित कई नेता कांग्रेस कार्यालय पहुंच गए। लेकिन बामनिया दोपहर तक नामांकन भरने नहीं पहुंचे। इसके बाद नामांकन भरने का समय खत्म होने से ठीक पहले कांग्रेस की ओर से अरविंद डामोर ने नामांकन दाखिल किया।
भाजपा- बसपा प्रत्याशी ने भी भरे नामांकन
बांसवाड़ा- डूंगरपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीया और बसपा प्रत्याशी दिलीप निनामा ने भी गुरुवार को ही अपने नामांकन दाखिल किए। अब इस सीट पर भाजपा के महेंद्रजीत मालवीया, कांग्रेस के अरविंद डामोर और बीएपी के राजकुमार रोत के बीच त्रिकोणीय मुकाबला काफी रोचक माना जा रहा है।
एक बार सांसद, 4 बार विधायक रहे मालवीया
महेंद्रजीत सिंह मालवीया वागड़ अंचल में बड़ा आदिवासी चेहरा माने जाते हैं। मालवीय काफी लंबा सियासी तर्जुबा रखते हैं और गांव के सरपंच से लेकर सांसद और विधायक रह चुके हैं। मालवीया 1998 में सांसद बने थे। वहीं 2008 से 2023 तक लगातार बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में इन्होंने 45 फीसदी से ज्यादा वोट लेकर जीत हासिल की थी। मालवीया गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे। इसके अलावा कांग्रेस की टॉप वर्किंग कमेटी में सदस्य, आदिवासी कांग्रेस सेल के कार्यवाहक अध्यक्ष, राजस्थान कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। हाल ही मालवीया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन की है।
एक बार सांसद, 4 बार विधायक रहे मालवीया
महेंद्रजीत सिंह मालवीया वागड़ अंचल में बड़ा आदिवासी चेहरा माने जाते हैं। मालवीय काफी लंबा सियासी तर्जुबा रखते हैं और गांव के सरपंच से लेकर सांसद और विधायक रह चुके हैं। मालवीया 1998 में सांसद बने थे। वहीं 2008 से 2023 तक लगातार बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में इन्होंने 45 फीसदी से ज्यादा वोट लेकर जीत हासिल की थी। मालवीया गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे। इसके अलावा कांग्रेस की टॉप वर्किंग कमेटी में सदस्य, आदिवासी कांग्रेस सेल के कार्यवाहक अध्यक्ष, राजस्थान कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। हाल ही मालवीया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन की है।