श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में होली की तैयारियां जोरों पर हैं। वृंदावन के मंदिरों में अबीर-गुलाल उड़ना शुरू हो गया है और भक्तों की भीड़ धीरे-धीरे उमड़ने लगी है। लेकिन असली धमाल तो बरसाना में होने वाला है, जहां 7 मार्च से होली का रंग चढ़ने लगेगा। बरसाना की लट्ठमार होली को लेकर न केवल श्रद्धालु बल्कि स्थानीय लोग भी जबरदस्त जोश में हैं।
7 मार्च को लड्डू मार होली, 8 मार्च को लट्ठमार होली
बरसाना में 7 मार्च को ‘लड्डू मार होली’ खेली जाएगी। इस दिन राधा रानी मंदिर में भक्तों के बीच लड्डुओं की वर्षा होगी। मान्यता है कि इस दिन राधा-कृष्ण के प्रेम का उत्सव लड्डू फेंककर मनाया जाता है। 8 मार्च को ‘लट्ठमार होली’ खेली जाएगी, जो दुनिया भर में मशहूर है। इसमें बरसाना की महिलाएं पुरुषों पर लट्ठ बरसाकर होली खेलती हैं और पुरुष ढाल लेकर खुद को बचाने की कोशिश करते हैं।
लाखों की संख्या में जुटेंगे भक्त, प्रशासन अलर्ट
इस बार बरसाना की होली में लाखों भक्तों के आने की उम्मीद है। कुंभ से लौटे संत भी इसमें शामिल होंगे, जिससे भीड़ और ज्यादा हो सकती है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बरसाना को कई जोन और सेक्टर में बांटा जाएगा। आईजी और अन्य अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बैठक की है। पिछले साल की तरह कोई हादसा न हो, इसके लिए पुलिस और प्रशासन पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है। हर एंट्री पॉइंट पर बैरिकेडिंग होगी और ड्रोन कैमरों से नजर रखी जाएगी।
लट्ठमार होली की धूम, जमकर हो रही प्रैक्टिस
बरसाना में लट्ठमार होली खेलने के लिए महिलाओं ने पहले से ही कमर कस ली है। गांव की गलियों में महिलाएं लाठियां चलाने की प्रैक्टिस कर रही हैं। पुरुष भी अपनी ढालें मजबूत करवा रहे हैं, ताकि होली के दिन सही से मुकाबला कर सकें।
टेसू के फूलों से बन रहा प्राकृतिक रंग
राधा रानी मंदिर में टेसू के फूलों से शुद्ध और प्राकृतिक रंग तैयार किया जा रहा है। इस पारंपरिक रंग से खेली जाने वाली होली से भक्तों को आंखों या त्वचा पर किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा।
सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम, जगह-जगह होंगे मेडिकल कैंप
चूंकि लाखों श्रद्धालु बरसाना पहुंचने वाले हैं, इसलिए प्रशासन ने जगह-जगह मेडिकल कैंप भी लगाने का फैसला किया है। प्राथमिक उपचार के लिए एंबुलेंस को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है। ट्रैफिक व्यवस्था भी चाक-चौबंद रहेगी, ताकि किसी को कोई परेशानी न हो। बरसाना की लट्ठमार होली न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर के श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। ऐसे में इस बार का आयोजन पहले से भी भव्य होने वाला है। भक्तों में खासा उत्साह देखा जा रहा है और हर कोई रंगों के इस अनोखे उत्सव का हिस्सा बनने के लिए बेताब है।