Basant Panchami 2025 Daan: बसंत पंचमी भारत में वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। यह दिन ज्ञान और कला की देवी, देवी सरस्वती को समर्पित होता है। बसंत पंचमी (Basant Panchami 2025 Daan) होली के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है और कई क्षेत्रों में इसे पतंग उड़ाकर मनाया जाता है। अपने सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाने वाला यह त्योहार (saraswati puja 2025) लोगों को ज्ञान, संगीत और वसंत की सुंदरता की खुशी में एकजुट करता है।
बसंत पंचमी 2025 के दिन सरस्वती पूजा का समय
इस वर्ष 3 फरवरी, दिन सोमवार को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। वैसे तो पंचमी तिथि (Basant Panchami 2025 Date) की शुरुआत 2 फरवरी को दिन में 11:44 पर ही हो जाएगी। पंचमी तिथि का समापन 3 फरवरी को सुबह 09:22 पर हो जाएगा। इसलिए उदया तिथि के अनुसार बसंत पंचमी 3 फरवरी को मनाई जाएगी। द्रिक पंचांग के अनुसार, पूर्वाहन काल के दौरान सरस्वती पूजा का समय सबसे अच्छा होता है। इस समय पंचमी तिथि प्रबल होती है। पूर्वाहन काल सूर्योदय और दोपहर के बीच आता है, यही वह समय है जब भारत में स्कूलों और कॉलेजों सहित अधिकांश लोग सरस्वती पूजा करते हैं।
बसंत पंचमी के दिन जरूर करें सरस्वती वंदना का पाठ
कुन्देंदु देवी सरस्वती (Saraswati Vandana) को समर्पित सबसे प्रसिद्ध स्तुति है और प्रसिद्ध सरस्वती स्तोत्र का हिस्सा है। इसका पाठ वसंत पंचमी की पूर्व संध्या पर सरस्वती पूजा (saraswati puja 2025) के दौरान किया जाता है।
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥१॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥२॥
बसंत पंचमी पर करें इन पांच चीज़ों का दान
बसंत पंचमी पर दान (Basant Panchami 2025 Daan) करना शुभ माना जाता है क्योंकि यह ज्ञान, समृद्धि और सकारात्मकता की खोज का प्रतीक है। इस दिन दान करने के लिए यहां पांच सार्थक वस्तुएं दी गई हैं:
पीले कपड़े: पीला रंग ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक है। माना जाता है कि जरूरतमंदों को पीले कपड़े दान करने से देवी सरस्वती का आशीर्वाद मिलता है।
किताबें और स्टेशनरी: चूंकि बसंत पंचमी ज्ञान की देवी, देवी सरस्वती का सम्मान करती है, इसलिए वंचित छात्रों को किताबें और स्टेशनरी दान करने से शिक्षा और सीखने को बढ़ावा मिलता है।
भोजन: गरीबों को चावल, मिठाई या खिचड़ी जैसे पीले रंग के खाद्य पदार्थ खिलाना एक नेक कार्य माना जाता है जो समृद्धि को आकर्षित करता है।
हल्दी और सरसों का तेल: ये वस्तुएं अच्छे स्वास्थ्य से जुड़ी हैं और माना जाता है कि दान करने पर ये सकारात्मकता और भाग्य लाती हैं।
धन और आवश्यक वस्तुएं: वंचितों को धन, कंबल या अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करने से त्योहार की उदारता की भावना के अनुरूप गर्मजोशी और खुशी फैलती है।
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