E-cigarettes banned: बेल्जियम यूरोप का पहला देश बन गया है, जिसने ई-सिगरेट पर पाबंदी लगा दी है। यह प्रतिबंध 1 जनवरी 2025 से लागू हो चुका है। सरकार का कहना है कि यह कदम युवाओं की सेहत को बेहतर बनाने और तंबाकू की आदत को कम करने के लिए उठाया गया है। यूरोप के 27 देशों का समूह यूरोपीय यूनियन है, जो यह प्रयास कर रहा है कि 2040 तक ऐसी पीढ़ी तैयार की जाए, जो तंबाकू का बिल्कुल भी इस्तेमाल न करे।
दुनिया के कुछ विकसित देशों में करीब 25 फीसदी लोग अब भी स्मोकिंग (धूम्रपान) की आदत से जूझ रहे हैं। यूरोपीय यूनियन का लक्ष्य है कि 2040 तक इस संख्या को घटाकर 5 फीसदी तक लाया जाए। हालांकि, कुछ यूरोपीय देश चाहते हैं कि इस लक्ष्य की समय सीमा को थोड़ा बढ़ाया जाए। पिछले कुछ सालों में ई-सिगरेट का प्रचार तेजी से बढ़ा है, यह कहकर कि यह पारंपरिक तंबाकू उत्पादों से कम हानिकारक है। इस वजह से युवा वर्ग में ई-सिगरेट को लेकर एक खास आकर्षण देखा जा रहा है।
क्यों लोगों को आकर्षित करती हैं ई-सिगरेट?
ई-सिगरेट (E-cigarettes) के पीछे कुछ खास वजहें हैं जो लोगों को आकर्षित करती हैं। पहला, इसकी पैकेजिंग बहुत रंगीन और आकर्षक होती है। दूसरा, इसमें कई अलग-अलग फ्लेवर्स होते हैं, जो लोगों को और भी ज्यादा खींचते हैं। हालांकि, ई-सिगरेट में निकोटीन भी होता है, जो न केवल लत लगाता है, बल्कि कुछ लोगों को यह डर भी है कि कहीं यह पारंपरिक तंबाकू का स्थान न ले ले। कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि वे रात में नींद से उठकर इसकी एक कश लेने के लिए जाग जाते हैं।
पांच साल पहले ई-सिगरेट ने दुनिया भर के बाजारों में अपनी पहचान बनानी शुरू की, खासकर यूरोप में इसका इस्तेमाल बढ़ा। फ्रांस अब बेल्जियम की तरह ई-सिगरेट पर बैन लगाने और कड़े जुर्माने लागू करने की तैयारी में है। अब सवाल ये उठता है कि भारत में ई-सिगरेट को लेकर क्या नियम और कानून हैं?
ई-सिगरेट को लेकर भारत का कानून
पिछले साल नवंबर की बात है, और हाल ही में एक मामला सामने आया था जब गोवा में एक रूसी पर्यटक के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। दरअसल, जब पता चला कि उसके पास ई-सिगरेट थी, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह पर्यटक अपनी ई-सिगरेट को मोजे में छुपाकर ले जा रहा था। भारत में 2019 में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून बनाया गया था। इस कानून ने यह साफ कर दिया कि भारत में ई-सिगरेट की खरीद, बिक्री, आयात-निर्यात पर पूरी तरह से रोक है। इसके अलावा, ई-सिगरेट का प्रचार-प्रसार भी अब विज्ञापनों के जरिए नहीं किया जा सकता।
भारत में ई-सिगरेट को लेकर सख्त कानून
भारत के कानून में यह स्पष्ट है कि अगर कोई ई-सिगरेट से जुड़े नियमों का उल्लंघन करता है, जैसे कि ई-सिगरेट खरीदने या बेचने में शामिल पाया जाता है, तो पहली बार उसे 1 लाख रुपए तक का जुर्माना और 1 साल तक की सजा हो सकती है। अगर वही व्यक्ति बार-बार ये गलती करता है, तो उसकी सजा 3 साल तक बढ़ सकती है और जुर्माना भी 5 लाख रुपए तक हो सकता है।
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