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‘अगर वो यूक्रेन युद्ध रोक सकते हैं, तो क्या धुएं को नहीं? पराली मामले पर मान का PM मोदी पर तंज

पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन युद्ध रोक सकते हैं, तो क्या वह उत्तर भारत में पराली जलाने और इसके कारण होने वाले धुएं को नहीं रोक सकते?

वैज्ञानिकों से निकलवाएं हल

जैसे-जैसे दिल्ली में प्रदूषण की समस्या बढ़ती है वैसे ही पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने का मुद्दा फिर से चर्चा में आ जाता है। पराली मामले पर मीडिया से बात करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह समस्या पूरे उत्तर भारत में फैली हुई है। उन्होंने पीएम मोदी पर इसे लेकर तंज कसा।

भगवंत मान ने कहा, ”पराली जलाने का मुद्दा किसी एक राज्य तक सीमित नहीं है। यह पूरे उत्तर भारत की समस्या है। अगर पीएम मोदी यूक्रेन युद्ध को उस तरह रोक सकते हैं जैसा विज्ञापन में दिखाया गया है, तो क्या वह यहां धुएं को नहीं रोक सकते? उन्हें सभी राज्यों को एक साथ बैठाना चाहिए, मुआवजा देना चाहिए और वैज्ञानिकों को बुलाना चाहिए।”

किसान नहीं चाहते पराली जलाना

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के किसान पराली जलाना नहीं चाहते और न ही वे धान की खेती करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि धान की खेती विकल्पिक फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की अनुपस्थिति में होती है।

भगवंत मान ने कहा, ”जब धान का उत्पादन होता है तो किसानों की तारीफ की जाती है, लेकिन पराली का क्या? फिर उन पर जुर्माना लगाने की कोशिश की जाती है। हमें नहीं पता कि पंजाब का धुआं दिल्ली तक पहुंचता है या नहीं, लेकिन धुआं सबसे पहले किसान और उसके गांव को नुकसान पहुंचाता है।”

व्यवहारिक कमद उठाने की जरूरत

पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य किसानों के लिए मुआवजे की मांग कर रहा है ताकि पराली जलाने को रोका जा सके, लेकिन केंद्र ने उन्हें इस प्रथा के खिलाफ किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कहा।

भगवंत मान ने आगे कहा, “प्रोत्साहन से काम नहीं चलता, व्यावहारिक कदम उठाने की जरूरत है। हमने 1.25 लाख मशीनें दी हैं। हमने गैर सरकारी संगठनों (NGOs) से बात की है। 75 लाख हेक्टेयर धान की फसल में से 40 लाख की पराली नहीं जलाई जा रही है।”

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?

बता दें कि दो दिन पहले की पराली जलाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने पराली जलाने के मामले में पंजाब और हरियाणा की सरकारों को जमकर फटकार लगई थी। कोर्ट ने कहा था कि राज्यों द्वारा इस समस्या के समाधान के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है।

अदालत ने पिछले आदेश का हवाला देते हुए पंजाब और हरियाणा सरकार से सवाल किया था कि कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया? कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब को चेतावनी दी कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो वह राज्य के मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज करेगा। कोर्ट ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को 23 अक्टूबर को अदालत से समक्ष पेश होकर स्पष्टीकरण देने को कहा है।

पराली जलाने वालों के खिलाफ सरकार का एक्शन

दूसरी तरफ हरियाणा में बनी नई सरकार के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पद की शपथ लेते ही पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

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