RSS का राष्ट्रीय अभियान: इंडिया नहीं, भारत

इंडिया नहीं, भारत; RSS का राष्ट्रीय अभियान, राष्ट्रपति को सौंपेंगे 10 लाख हस्ताक्षर पत्र

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने देश के नाम को लेकर एक बार फिर बहस छेड़ दी है। संघ के इस सहयोगी संगठन ने ‘इंडिया’ की जगह सिर्फ ‘भारत’ नाम अपनाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने का ऐलान किया है। इस अभियान के तहत देशभर के विभिन्न वर्गों से 10 लाख हस्ताक्षर एकत्र कर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को याचिका सौंपने की योजना बनाई गई है। इस मांग को लेकर संघ के शीर्ष नेतृत्व का भी समर्थन प्राप्त हो चुका है, जिससे यह साफ संकेत मिलते हैं कि यह मुद्दा भविष्य में और अधिक चर्चाओं का केंद्र बन सकता है।

देश का नाम सिर्फ भारत करने की करेंगे मांग

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय महासचिव अतुल कोठारी ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, “इंडिया महज एक नाम है, जबकि भारत एक भावना है, हमारे पूर्वजों की विरासत है। हम मार्च में 10 लाख हस्ताक्षर जुटाकर राष्ट्रपति से संविधान में संशोधन कर देश का नाम सिर्फ भारत करने की मांग करेंगे।”

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अभियान को संघ के शीर्ष नेतृत्व का भी मिला समर्थन

इस अभियान को संघ के शीर्ष नेतृत्व का समर्थन भी मिला है। आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले और सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल इस घोषणा के दौरान मंच पर मौजूद थे। इससे साफ है कि संघ इस मुद्दे को गंभीरता से आगे बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। बता दें कि इस अभियान के माध्यम से सरकार, न्यायपालिका, शिक्षा क्षेत्र, उद्योग जगत, और समाज के अन्य प्रमुख वर्गों से समर्थन जुटाने की कोशिश की जाएगी।

क्या है शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास?

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास भारत में शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में कार्य करने वाला संगठन है। इसकी स्थापना 18 मई 2007 को की गई थी।

  • इस न्यास के संस्थापक दीनानाथ बत्रा हैं, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पूर्व प्रचारक और विद्या भारती के पूर्व निदेशक रह चुके हैं।
  • संगठन शिक्षा नीति, पाठ्यक्रम, और प्रणाली में बदलाव के लिए काम करता है।
  • इसका उद्देश्य भारतीय शिक्षा व्यवस्था को पारंपरिक मूल्यों और भारतीय संस्कृति के अनुरूप बनाना है।
  • संगठन शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति जैसे सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर कार्य करता है।