आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद (लड्डू) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने इस मामले में अब आधिकारिक रूप से एक शिकायत दर्ज कराई है। टीटीडी के जनरल मैनेजर पी मुरली कृष्णा ने ईस्ट पुलिस थाने में एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड, डिंडीगुल के खिलाफ शिकायत की है। यह शिकायत तिरुपति लड्डू के प्रसाद में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों के बाद दर्ज की गई है।
एसआईटी की जांच और एफएसएसएआई की कार्रवाई
इससे पहले, आंध्र प्रदेश सरकार ने पुलिस अधिकारी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जो इस मिलावट के मामले की जांच करेगा। यह कदम तब उठाया गया जब आरोप सामने आए कि प्रसाद में इस्तेमाल किए गए घी में जानवरों की चर्बी मिली है। एक दिन पहले, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने तमिलनाडु स्थित एआर डेयरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आरोप है कि तिरुमाला मंदिर के प्रसाद बनाने के लिए जिस घी का उपयोग किया गया, उसके चार सैंपल में जानवरों की चर्बी पाई गई।
एफएसएसएआई का नोटिस और टीटीडी की कार्रवाई
एफएसएसएआई ने एआर डेयरी को नोटिस देकर पूछा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) विनियमन, 2011 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए उसके केंद्रीय लाइसेंस को निलंबित क्यों न किया जाए। नियामक ने कहा कि केंद्रीय प्रयोगशाला में घी के नमूनों के विश्लेषण में पाया गया कि यह मानकों के अनुरूप नहीं है। टीटीडी की घी खरीद समिति ने टीटीडी को सप्लाई किए गए सभी सैंपल्स को जांच के लिए गुजरात के आणंद स्थित एनडीडीबी काल्फ लैब में भेजा है। इससे साफ हो गया है कि इस मामले में गंभीरता बरती जा रही है।
मुख्यमंत्री का दावा और पुजारियों का अनुष्ठान
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में दावा किया कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने के लिए जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था। नायडू ने बाद में इन दावों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल की घोषणा की। इसके बाद मंदिर के पुजारियों ने मंदिर और प्रसाद को शुद्ध करने के लिए अनुष्ठान किया था। मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि लड्डू प्रसाद की पवित्रता बहाल कर दी गई है, और इस प्रकार भक्तों को आश्वस्त किया गया है।
भक्तों की प्रतिक्रियाएं
इस विवाद ने भक्तों के बीच चिंता का माहौल बना दिया है। भक्तों का कहना है कि तिरुपति लड्डू उनके लिए श्रद्धा का प्रतीक है और इस मामले की गहनता से जांच होनी चाहिए। कई भक्तों ने मांग की है कि इस मुद्दे पर स्पष्टता लाई जाए ताकि किसी भी तरह की गलतफहमी न रहे। इस विवाद के कारण भक्तों की श्रद्धा में भी कमी आई है, जिससे मंदिर प्रशासन को अपनी नीतियों में बदलाव करने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुका है तिरुमाला लड्डू विवाद
तिरुमाला लड्डू विवाद ने राजनीतिक भूचाल भी खड़ा कर दिया है। आंध्र प्रदेश में चुनावी माहौल के चलते इस मुद्दे का राजनीतिकरण होने की संभावना है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस विवाद को कैसे संभालती है और क्या वे भक्तों की चिंताओं का समाधान कर पाएंगे या नहीं।
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तिरुमाला लड्डू विवाद ने धार्मिक और राजनीतिक दोनों ही पहलुओं को छुआ है। टीटीडी की शिकायत, एसआईटी की जांच और एफएसएसएआई की कार्रवाई इस विवाद को और भी बढ़ा रही है। यह मामला न केवल आंध्र प्रदेश बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुका है। इस विवाद के पीछे जो आरोप हैं, वे न केवल श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि धार्मिक विश्वास को भी प्रभावित करते हैं। भक्तों की श्रद्धा को बनाए रखना और इस विवाद का उचित समाधान निकालना इस समय सबसे महत्वपूर्ण चुनौती बन गई है।