सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: पुष्कर आनंद केस में बिहार सरकार और IPS अधिकारी को नोटिस, 24 मार्च को अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (17 फरवरी) को बिहार सरकार और आईपीएस अधिकारी पुष्कर आनंद को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस एक महिला पुलिस अधिकारी की याचिका पर सुनवाई करने के लिए जारी किया गया है। महिला अधिकारी ने पटना हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें पुष्कर आनंद के खिलाफ दर्ज FIR को खारिज कर दिया गया था। महिला ने आरोप लगाया था कि पुष्कर आनंद ने उन्हें शादी का झांसा देकर बलात्कार किया था। मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला 2014 का है, जब महिला पुलिस अधिकारी ने बिहार के कैमूर जिले में एक महिला पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई थी। FIR में पुष्कर आनंद और उनके माता-पिता के खिलाफ बलात्कार, आपराधिक धमकी और अपराध को बढ़ावा देने के आरोप लगाए गए थे। महिला ने आरोप लगाया कि पुष्कर आनंद ने उन्हें शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए और बाद में शादी से मुकर गए।

सोशल मीडिया से शुरू हुई दोस्ती

महिला अधिकारी के मुताबिक, पुष्कर आनंद ने सोशल मीडिया के जरिए उनसे संपर्क किया। दोनों के बीच दोस्ती हुई और यह दोस्ती प्यार में बदल गई। बात शादी तक पहुंची और दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बने। हालांकि, जब कुंडली मेल नहीं खाई, तो शादी का प्रस्ताव टूट गया। महिला ने आरोप लगाया कि पुष्कर आनंद ने उन्हें धोखा दिया और शादी का झांसा देकर उनके साथ बलात्कार किया।

पटना हाईकोर्ट ने क्या कहा?

पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में पुष्कर आनंद को राहत देते हुए FIR खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा कि महिला और पुष्कर आनंद के बीच शारीरिक संबंध सहमति से बने थे। कोर्ट ने यह भी कहा कि कुंडली मेल न खाने जैसे कारणों से रिश्ते का टूटना भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 के तहत बलात्कार के लिए आपराधिक कार्यवाही शुरू करने का आधार नहीं बन सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने महिला अधिकारी की याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई है। जस्टिस के वी विश्वनाथन और जस्टिस एस वी एन भट्टी की बेंच ने महिला के वकील अश्विनी कुमार दुबे के तर्कों को सुना। वकील ने कहा कि पटना हाईकोर्ट का फैसला विकृत और कानूनी योग्यता से रहित था। उन्होंने तर्क दिया कि हाईकोर्ट का फैसला स्थापित कानून के विपरीत है।

अगली सुनवाई 24 मार्च को

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार और पुष्कर आनंद को नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च के लिए तय की है। इस दौरान दोनों पक्षों को अपने तर्क रखने का मौका मिलेगा।

क्या है महिला अधिकारी की मांग?

महिला अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। उनका कहना है कि पुष्कर आनंद ने उन्हें शादी का झांसा देकर धोखा दिया और उनके साथ बलात्कार किया। उन्होंने मांग की है कि पुष्कर आनंद के खिलाफ FIR को बहाल किया जाए और उन पर मुकदमा चलाया जाए।

क्या है IPC की धारा 376?

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 बलात्कार से संबंधित है। इसके तहत अगर कोई व्यक्ति किसी महिला के साथ उसकी सहमति के बिना शारीरिक संबंध बनाता है, तो उसे बलात्कार माना जाता है। इस धारा के तहत सजा का प्रावधान है।

क्या है महिला अधिकारी का पक्ष?

महिला अधिकारी का कहना है कि पुष्कर आनंद ने उन्हें शादी का झांसा देकर धोखा दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने पुष्कर आनंद पर विश्वास किया और उनके साथ शारीरिक संबंध बनाए। हालांकि, जब शादी का प्रस्ताव टूटा, तो उन्हें लगा कि उनके साथ धोखा हुआ है।

क्या है पुष्कर आनंद का पक्ष?

पुष्कर आनंद का कहना है कि उन्होंने महिला के साथ सहमति से शारीरिक संबंध बनाए थे। उन्होंने कहा कि कुंडली मेल न खाने के कारण शादी का प्रस्ताव टूटा, लेकिन इसे बलात्कार का मामला नहीं बनाया जा सकता।

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