Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव होने में अब करीब छह महीने का वक्त बाकी है, और सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी रणनीतियों पर काम करना शुरू कर दिया है। जहां एक तरफ सत्ताधारी एनडीए गठबंधन अपनी ताकत बढ़ाने के लिए राज्यभर में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित कर रहा है, वहीं विपक्षी नेता तेजस्वी यादव भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ हर जिले में संवाद कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। इस चुनाव में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कांग्रेस, जो महागठबंधन का हिस्सा है, तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री (CM) उम्मीदवार के रूप में समर्थन देगी या नहीं।
तेजस्वी की सीएम उम्मीदवारी पर कांग्रेस ने साधी चुप्पी
बिहार कांग्रेस के नए प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने साफ तौर पर कहा है कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने का फैसला महागठबंधन के भीतर सामूहिक सहमति से लिया जाएगा। यह बयान उस बैठक के बाद आया है, जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने भी भाग लिया। हालांकि, इस समय कांग्रेस अपने पत्ते नहीं खोल रही है और तेजस्वी के चेहरे पर असहमति दिखा रही है।
अपने पारंपरिक वोट बैंक को बचाने के लिए पार्टी लाई कन्हैया कुमार को
कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, विधानसभा चुनावों (Bihar Chunav 2025) के लिए कांग्रेस ने तेजस्वी के चेहरे को लेकर असहमति जताई है। हाल के दिनों में कांग्रेस ने अपने पुराने सवर्ण और दलित वोट बैंक को मजबूत करने की योजना बनाई है, और इसी के तहत कन्हैया कुमार जैसे युवा नेताओं को पार्टी में शामिल किया है। साथ ही दलित समुदाय के लिए राजेश राम को बिहार कांग्रेस की कमान सौंपी गई है। कांग्रेस का मानना है कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सवर्ण और दलित समुदाय का विश्वास नहीं बन पाएगा, क्योंकि आरजेडी में यादव और मुस्लिम वोट बैंक की मजबूत पकड़ है। इस कारण कांग्रेस को लगता है कि तेजस्वी को सीएम उम्मीदवार बनाए जाने से उनके पुराने वोट बैंक को नुकसान हो सकता है।
सीट शेयरिंग पर भी महागठबंधन में है खींचतान
2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन पार्टी को केवल 19 सीटों पर जीत मिली थी। इस बार कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि वे उतनी सीटों पर उम्मीदवार नहीं देंगे, और सीट बंटवारे में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस ने यह भी संकेत दिया है कि तेजस्वी यादव के सीएम उम्मीदवार बनने के फैसले से पहले पार्टी अपने चुनावी समीकरण को मजबूत करने में जुटी है। कांग्रेस की रणनीति है कि पहले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की जाए, फिर मुख्यमंत्री के चेहरे का चयन महागठबंधन के भीतर सहमति से किया जाएगा।
इस बार पार्टी नहीं गठबंधनों के बीच होगा चुनाव
बिहार में इस बार विधानसभा चुनाव (Bihar Chunav 2025) दो प्रमुख गठबंधनों के बीच होने जा रहे हैं। एक ओर एनडीए है, जो नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनावी मैदान में है, और दूसरी ओर महागठबंधन है, जिसमें आरजेडी तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का दावा कर रहा है। कांग्रेस का इस पर रुख अस्पष्ट है, और यही बड़ा सवाल है कि क्या कांग्रेस तेजस्वी के नाम पर सहमति बनाएगी या फिर महागठबंधन के अंदर अपने हिस्से की सीटें बढ़ाने का दबाव बनाएगी। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे और मुख्यमंत्री उम्मीदवार के नाम को लेकर बातचीत तेज होगी, और जल्द ही इन सवालों के जवाब भी सामने आ जाएंगे।
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