BJP AND RAJ THAKARE: महाराष्ट्र। लोकसभा चुनाव 2024 में राजनीति में कई उठापटक लगातार जारी है। इन्हीं के बीच कई ऐसे समझौते हैं या ऐसा कहें की गठबंधन है जो हार – जीत तो तय करेंगे ही साथ ही एक दूसरे के सहयोग से इतर विपक्षी दलों को भी ठिकाने लगाने के लिए किए जाएंगे। महाराष्ट्र में बीजेपी ऐसा ही कुछ करती नज़र आ रही है। राजनीतिक विद्वानों की मानें तो राज ठाकरे का भाजपा में शामिल होना जैसे ही तय होगा वैसे ही उद्धव ठाकरे के लिए मुसीबतें बढ़ जाएंगी।
भाजपा को मिल गयी है उद्धव ठाकरे की काट?
राज ठाकरे की नव निर्माण सेना यानी मनसे के साथ साँठ गांठ की भाजपा तैयारी में लग रही है। हालांकि भाजपा के साथ एकनाथ शिंदे और अजित पवार जुड़ चुके हैं। यानि शिंदे की शिव सेना और एनसीपी अजित पवार की एनडीए का हिस्सा है। फिर भी महाराष्ट्र में भाजपा और मजबूती की ओर कदम बढ़ाने के प्रयास करती नज़र आ रही है। राज ठाकरे के शामिल होते ही उद्धव ठाकरे और मराठा वोट बैंक में पकड़ और मजबूत हो जाएगी। इसका सीधा चैलेंज उद्धव ठाकरे के खेमे में जाएगा।
बीजेपी क्यों चाहती है राज ठाकरे का साथ?
भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि राज ठाकरे चुनावी मैदान में भाजपा के साथ मिल कर उतरे। परंतु इसके भी कई राजनीतिक मायने हैं। लोकसभा चुनाव में जब शिवसेना के साथ गठबंधन किया गया था तो 41 सीटों पर विजय ध्वज लहराया। परंतु इसके बाद विधानसभा चुनाव में भाजपा – शिवसेना ने जीत हासिल की और जब सत्ता में शिवसेना आई तो दोनों राजनीतिक दलों के बीच विवाद हुआ और शिवसेना काँग्रेस के हाथ के साथ चली गयी। राजनीतिक विद्वानों कि मानें तो वर्तमान स्थिति में उद्धव को साथ लाना नामुमकिन है परंतु मोदी समर्थक और प्रशंसक की छवि वाले राज ठाकरे की ओर राह आसान नज़र आती है।
राज ठाकरे के भाजपा में आने से आएगा महाराष्ट्र में राज?
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी लगातार अपना स्थायित्व खोजने में लगी हुई है। ऐसे में अजित पवार और एकनाथ शिंदे का होना सहयोग तो करता है परंतु राज ठाकरे का आना इस बात को तय कर देगा की भाजपा वहाँ निश्चित आ रही है। इसी गणित को साधने में भाजपा लगातार प्रयास कर रही है। शिव सेना के नाम और चिन्ह के साथ शिंदे मैदान में भाजपा के साथ है, पर राज ठाकरे अगर शामिल हो जाते हैं तो ये गठबंधन और बड़ा और मजबूत और उद्धव ठाकरे के लिए मुश्किल भरा हो जाएगा।