Lok Sabha Election 2024 उत्तर प्रदेश के गोंडा क्षेत्र के दबंग राजनेता … कुश्ती में अपना करिश्मा राष्ट्रीय स्तर पर दिखाने के बाद… महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप । इस मामले ने बृजभूषण शरण सिंह को राजनीतिक दंगल में फंसा दिया है। दरअसल प्रदेश में ज्यादातर सीटों पर बीजेपी प्रत्याशी घोषित हो जाने के बाद… बृजभूषण शरण की चिन्ता बढ गई है । भाजपा ने भले ही कैसरगंज से उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन बृजभूषण भाजपा की गले की हड्डी जरुर बनते दिख रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि पार्टी न उनसे किनारा कर पा रही है और न ही खुलकर साथ लेकर चल पा रही है।
बदलते चुनावी माहौल में पार्टी चिंतित
बदलते चुनावी माहौल में बृजभूषण भी नित नई रणनीति बना रहे हैं। चर्चा है कि वे अकेले ही कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र में प्रचार कार्य में लग गए हैं । बावजूद इसके कि पार्टी ने टिकट में देरी कर रही है। इधर लंबे समय से वे भाजपा में जरुर हैं.. पर जब उन्हें केंद्र में कैबिनेट में जगह नहीं मिली थी तो पार्टी नेतृत्व से नाराजगी जताने से भी वे बाज नहीं आए । यानि उनका पार्टी से छत्तीस का आंकड़ा भी रहा है । और वे अपने रुख को लेकर सख्त भी रहे हैं लेकिन शायद आज परिस्थिती ऐसी नहीं है कि वे पार्टी की नाराजगी को झेल सकें।
हरियाणा फैक्टर भी है महत्वपूर्ण
बृजभूषण महिला खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद फंसते दिखे। करीब-करीब पूरा हरियाणा व पश्चिमी यूपी के जाट बृजभूषण के खिलाफ लामबंद नजर आया । हरियाणा की आबादी का लगभग 28% जाट हैं। उत्तरी हरियाणा को छोड़कर राज्य में हर जगह जाटों का गढ़ है। ऐसे में चुनाव में यह नाराजगी भाजपा पर भारी भी पड़ सकती है। इस कारण पार्टी एक सीट के लिए पूरे हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश को प्रभावित नहीं होने देना चाहेगी।
यौन उत्पीड़न के आरोप का हो सकता है असर
पश्चिम यूपी की राजनीति को देखें तो हम पाते हैं कि जाट बहुल इलाकों में यह मुद्दा चर्चा में अभी भी है। यही नहीं हरियाणा के लगभग हर गांव में भी पहलवान हैं। बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई न होने से समाज में भाजपा के खिलाफ मुद्दा बन सकता है । ऐसे में विपक्ष इस मुद्दे को ठीक से उठाता है तो यह चुनावों में भाजपा के हित को प्रभावित कर सकता है। शायद इसीलिए भाजपा इतना विचार मंथन कर रही है।
राजनीतिक राह फिलहाल तो बेहद कठिन
चूंकि बृजभूषण का क्षेत्र में दबदबा तो है ही शायद इसीलिए वे भाजपा से टिकट को लेकर पहले ही आश्वस्त थे। लेकिन विपक्ष के पास जिस तरह दूसरा कोई बडा मुद्दा नहीं मिला तो वह बृजभूषण को लेकर भाजपा के खिलाफ मुद्दा जरुर बनाने की कोशिश जरुर करेगा। और बीजेपी उसे ऐसा करने का कोई मौका नहीं देना चाहती। ऐसे में पूरब के इस पहलवान की राजनीतिक राह फिलहाल तो बेहद कठिन नजर आ रही है। देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी बृजभूषण मुद्ददे पर क्या निर्णय लेती है।