जॉर्जिया

जॉर्जिया के एक रिसॉर्ट में मिली 11 भारतीयों की लाश, जहरीली गैस से हुई मौत?

पूर्व सोवियत देश जॉर्जिया में गुडौरी स्थित एक पहाड़ी रिसॉर्ट के रेस्तरां में 11 भारतीय मृत पाए गए हैं। इस घटना की भारतीय मिशन ने पुष्टि की है। बता दें कि प्रारंभिक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शायद ये सभी मौतें कार्बन मोनोऑक्साइड पॉइजनिंग के कारण हुई हैं। हालांकि इसको लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

भारतीय मिशन ने दी जानकारी

बता दें कि जॉर्जिया में सोमवार यानी 16 दिसंबर, 2024 को भारतीय मिशन ने इसकी जानकारी दी है। भारतीय मिशन ने अपने बयान में बताया कि त्बिलिसी में भारतीय दूतावास गुडौरी, जॉर्जिया में 11 भारतीय लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के बारे में जानकर दुखी हैं और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता है। शुरूआती जांच के मुताबिक ये पता चला है कि ये मौतें संभवत: कार्बन मोनोऑक्साइड पॉइजनिंग के कारण हुई हैं।

भारतीय दूतावास के साथ स्थानीय अधिकारियों मौजूद

वहीं त्बिलिसी में भारतीय दूतावास ने कहा कि वह स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। भारतीय दूतावास ने कहा कि उनकी कोशिश है कि शवों को भारत में जल्द से जल्द वापस लाया जा सके। भारतीय दूतावास ने यह भी बताया कि उनके अधिकारी शोक संतप्त भारतीय परिवारों के संपर्क में हैं। अधिकारों ने कहा कि वो पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

शरीर पर नहीं था कोई निशान

वहीं इस मामले में स्थानीय मीडिया ने पुलिस का हवाला देते हुए बताया कि जॉर्जियाई आंतरिक मामलों के मंत्रालय की ओर से 14 दिसंबर को जारी बयान में कहा गया था कि मरने वालों में से किसी के भी शरीर पर हिंसा या शारीरिक चोट के कोई निशान नहीं थे। वहीं सभी लोगों की मौत कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता से हुई है। जानकारी के मुताबिक मरने वालों के शव भारतीय रेस्तरां की दूसरी मंजिल पर रेस्ट एरिया वाले क्षेत्र में मिले हैं, जहां सभी 12 लोग काम करते थे।

मामले को लेकर जांच जारी

इस मामले को लेकर जॉर्जिया पुलिस ने आपराधिक संहिता के अनुच्छेद 116 (लापरवाही से हत्या) के अंतर्गत जांच शुरू कर दी है। वहीं प्रारंभिक जांच के मुताबिक उनके बेडरूम के पास एक बंद जगह में एक जनरेटर रखा गया था, जिसे शुक्रवार, 13 दिसंबर को बिजली जाने के बाद चालू किया गया था। इसके अलावा जॉर्जियाई आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि मौत का सही कारण पता लगाने के लिए एक फोरेंसिक जांच भी बनाई गई है। वहीं जांच कार्रवाई सक्रिय रूप से की जा रही है।