रूस के न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल डिफेंस फोर्स के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव (Igor Kirillov) की मंगलवार सुबह मास्को में हत्या कर दी गई है। उन पर आरोप था कि उन्होंने यूक्रेनी सैनिकों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया था। यह घटना रूस में हुई हाई-प्रोफाइल हत्याओं में से एक मानी जा रही है।
जनरल किरिलोव की मौत तब हुई जब वह एक आवासीय अपार्टमेंट के पास पहुंचे और एक स्कूटर में छिपाए गए बम का धमाका हो गया। रूस की जांच कमेटी ने इस घटना की पुष्टि की है।
यूक्रेन की सेना के एक अधिकारी ने बताया कि इस हमले को एसबीयू (SBU) खुफिया एजेंसी ने अंजाम दिया है। इगोर किरिलोव जब अपने ऑफिस से बाहर जा रहे थे तभी एक विस्फोट में उनकी मौत हो गई।
Ukraine killed Lieutenant General Igor Kirillov, who was chief of Russia’s Nuclear, Biological and Chemical Protection Troops, outside an apartment building in Moscow, reports Reuters citing Ukraine’s Intelligence Service pic.twitter.com/n7lk1eC4Sw
— ANI (@ANI) December 17, 2024
किरिलोव पर कई देशों ने लगाया प्रतिबंध
यूक्रेन में मॉस्को के युद्ध के दौरान अपनी भूमिका के चलते 54 वर्षीय किरिलोव (Igor Kirillov) पर ब्रिटेन और कनाडा समेत कई देशों ने प्रतिबंध लगाए थे। अब यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी एसबीयू ने सोमवार को उनके खिलाफ आपराधिक जांच शुरू की है। उन पर आरोप है कि उन्होंने प्रतिबंधित रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश दिया था।
रासायनिक हथियारों का हुआ है इस्तेमाल
एसबीयू के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि इस हमले के पीछे उनकी एजेंसी का हाथ है। अधिकारी ने कहा कि किरिलोव एक युद्ध अपराधी है और उसे निशाना बनाना पूरी तरह सही है। एसबीयू का यह भी कहना है कि फरवरी 2022 से अब तक 4800 से ज्यादा बार युद्ध के मैदान में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया है।
रासायनिक हथियार के प्रयोग से इनकार
मई में अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि रूस ने यूक्रेनी सैनिकों के खिलाफ ‘क्लोरोपिक्रिन’ नामक गैस का इस्तेमाल किया है। यह जहरीली गैस पहली बार प्रथम विश्व युद्ध में इस्तेमाल की गई थी। हालांकि, रूस ने यूक्रेन में किसी भी तरह के रासायनिक हथियार का इस्तेमाल करने से इनकार किया है और उल्टा यूक्रेन पर युद्ध में जहरीले पदार्थों के इस्तेमाल का आरोप लगाया है।
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