Braj Holi 2025: होली भारत का एक प्रमुख पर्व है, लेकिन ब्रजधाम की होली का एक अलग ही रंग होता है। यहां के मंदिरों, गलियों और कुंज गलियों में महीनों पहले से रंगोत्सव की शुरुआत हो जाती है। खास बात यह है कि ब्रज (Braj Holi 2025) में आज भी टेसू (पलाश) के फूलों से बने प्राकृतिक रंगों से होली खेली जाती है। यह न केवल सुरक्षित होता है बल्कि इसका गहरा धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व भी है।
बरसाने में तैयार हो रहा क्विंटलो टेसू के फूलों का रंग
होली से पहले ब्रज के मंदिरों में टेसू के फूलों से रंग तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। बता दें कि मध्य प्रदेश के शिवपुरी, भिंड और मुरैना से क्विंटलों की संख्या में टेसू के फूल मंगाए जाते हैं। इन फूलों को पानी से भरे बड़े ड्रम में डालकर रंग तैयार किया जाता है। यह रंग इतना पक्का होता है कि कई दिनों तक शरीर से नहीं छूटता, लेकिन त्वचा को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता।
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टेसू के फूलों से बने रंग का महत्व
टेसू के फूलों से तैयार रंग पूरी तरह से प्राकृतिक होता है। यह रंग चेहरे और त्वचा के लिए सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि इसमें किसी भी तरह के रसायन का इस्तेमाल नहीं किया जाता। टेसू के फूलों का रंग गहरे लाल और नारंगी रंग का मिश्रण होता है, जो गुलाल और रासायनिक रंगों की तुलना में अधिक चमकदार और आकर्षक लगता है।
ब्रज में होली उत्सव 2025 का कार्यक्रम
यूं तो ब्रज में होली से 40 दिन पूर्व ही बसंत पंचमी से ही होली का उत्सव शुरू हो जाता है। लेकिन असली होली के रंग में ब्रज, बरसाने की लड्डूमर होली से होता है। बरसाने की होली (Braj Holi 2025) के अलावा गोकुल की छड़ीमार और होली के बाद दाऊजी का हुरंगा भी विश्व प्रसिद्ध है।
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ब्रज में किस दिन कहां होगा होली का विशेष उत्सव?
तारीख | स्थान | होली का प्रकार |
---|---|---|
3 फरवरी 2025 | ब्रज क्षेत्र | बसंत पंचमी पर होली ध्वजारोहण |
7 मार्च | नंदगांव, बरसाना | फाग आमंत्रण और लड्डू होली |
8 मार्च | बरसाना | रंगीली गली में लट्ठमार होली |
9 मार्च | नंदगांव | लट्ठमार होली |
10 मार्च | बांके बिहारी मंदिर | फूलों की होली |
10 मार्च | कृष्ण जन्मभूमि | हुरंगा उत्सव |
11 मार्च | गोकुल (रमणरेती, द्वारकाधीश मंदिर) | होली उत्सव |
12 मार्च | वृंदावन (बांके बिहारी मंदिर) | होली उत्सव |
13 मार्च | गांव फालौन | होलिका दहन |
14 मार्च | ब्रज क्षेत्र | रंगों वाली होली (धुलेंडी) |
15 मार्च | दाऊजी | प्रसिद्ध हुरंगा |
धर्म की दृष्टि से टेसू के फूल की मान्यता
हिंदू धर्म में टेसू के फूलों का विशेष महत्व है। इन फूलों को भगवान शिव को अर्पित किया जाता है, और यह पूजा के दौरान शुभ माना जाता है। होली के दिन टेसू के फूलों से बने रंग का उपयोग बुराई पर अच्छाई की जीत और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
ब्रज में होली का है अद्भुत आनंद
ब्रज क्षेत्र में होली का त्योहार बेहद खास तरीके से मनाया जाता है। यहां फूलों की होली, लड्डू होली, लठ्ठमार होली जैसे अनूठे तरीकों से उत्सव मनाया जाता है। बरसाना की लठ्ठमार होली (Braj Holi 2025) विश्व प्रसिद्ध है, जहां नंदगांव के ग्वालों के ऊपर बरसाना की गोपियां प्रेम रूपी लाठियां बरसाती हैं।
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