2024 के लोकसभा चुनाव में जब चुनावी नतीजे आए, तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को ऐसा झटका लगा, जिसकी शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। बीजेपी ने चुनाव प्रचार में ‘अबकी बार, 400 पार’ का नारा दिया था, लेकिन नतीजों में पार्टी महज 240 सीटों पर सिमट गई। इसके बाद पार्टी और पीएम मोदी के ‘ब्रांड मोदी’ को एक बड़ा धक्का लगा। लेकिन यह कहानी यहीं खत्म नहीं होती। लोकसभा चुनाव में चमक कम होने के बाद मोदी का ‘ब्रांड’ फिर से चमका, और ऐसा चमका की देश की राजधानी में भी भाजपा की सरकार बन गई।
जब ‘ब्रांड मोदी’ को लगा पहला झटका
2014 और 2019 में बीजेपी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। 2014 में पार्टी को 282 सीटें मिली थीं और 2019 में इस आंकड़े को और बढ़ाकर 303 सीटों तक पहुंचाया गया था। लेकिन 2024 के चुनाव में ये ‘ब्रांड मोदी’ उतना प्रभावी नहीं रहा जितना उम्मीद थी। बीजेपी ने चुनाव में 400 सीटें जीतने का दावा किया था, लेकिन पार्टी को महज 240 सीटों पर संतुष्ट रहना पड़ा।
यह नतीजा बीजेपी के लिए खासा निराशाजनक था, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने पहले दो चुनावों में जबरदस्त सफलता हासिल की थी। इस बार न केवल बीजेपी का प्रदर्शन कमजोर रहा, बल्कि गठबंधन भी उतना मजबूत नहीं दिखा जितना उम्मीद थी। इसके चलते ‘ब्रांड मोदी’ पर एक बड़ा सवाल उठने लगा।
फिर से कैसे चमका ‘ब्रांड मोदी’?
लोकसभा चुनाव के बाद जो विधानसभा चुनाव हुए, उसमें मोदी और बीजेपी ने फिर से अपनी ताकत साबित की। विधानसभा चुनावों में ‘ब्रांड मोदी’ ने बेमिसाल वापसी की। 5 राज्यों— हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों में बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया।
महाराष्ट्र में तो बीजेपी ने अपनी अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की। पार्टी ने यहां 288 में से 132 सीटें अकेले जीतीं। वहीं, हरियाणा में भी बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 90 में से 48 सीटें जीतीं, जो कि पार्टी का अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था। दिल्ली में बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीतकर यह साबित कर दिया कि ‘ब्रांड मोदी’ अब भी काफी असरदार है।
इन चुनावों ने यह साबित कर दिया कि मोदी का नाम और नेतृत्व अब भी बीजेपी के लिए बहुत मजबूत आधार है।
2014 से 2024 तक ‘ब्रांड मोदी’ का उतार-चढ़ाव
2014 में नरेंद्र मोदी ने जब प्रधानमंत्री बनने का सपना देखा था, तो शायद बीजेपी ने भी यह नहीं सोचा था कि वे इतने जबरदस्त तरीके से सत्ता में आएंगे। 282 सीटों के साथ बीजेपी ने सत्ता पर काबिज हो किया। इसके बाद मोदी के नेतृत्व में बीजेपी लगातार चुनावों में जीत हासिल करती रही। महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में पहली बार बीजेपी की सरकारें बनीं।
लेकिन 2018 के बाद बीजेपी के लिए स्थितियां थोड़ी बदलने लगीं। कर्नाटक में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा, फिर 2018 के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी सत्ता हाथ से निकल गई। 2019 में महाराष्ट्र और झारखंड में भी बीजेपी को शिकस्त मिली।
भाजपा अपने दम पर 15 राज्यों में सत्ता में है
लेकिन अब 2025 में मोदी और बीजेपी का ग्राफ फिर से ऊपर चढ़ता दिख रहा है। 21 राज्यों में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों की सरकार है। बीजेपी अपने दम पर 15 राज्यों में सत्ता में है और 6 राज्यों में वह अपने गठबंधन के साथ सरकार चला रही है। इससे साफ है कि ‘ब्रांड मोदी’ ने फिर से अपनी ताकत साबित कर दी है।
बिहार है मोदी की अगली बड़ी चुनौती
अगला बड़ा चुनाव बिहार में है, जो इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले हैं। बिहार की सत्ता पर काबिज होने की चुनौती बीजेपी के सामने है, क्योंकि वहां की 243 विधानसभा सीटों में से 128 सीटें एनडीए के पास हैं। हालांकि, विपक्ष के पास 115 सीटें हैं और इस बार बीजेपी के लिए यह चुनाव काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। बिहार में नीतीश कुमार के साथ गठबंधन को बनाए रखना और सत्ता में रहना बीजेपी के लिए अगली सबसे बड़ी चुनौती हो सकती है।