Budget 2025

Budget 2025: मिडिल क्लास के बारे में क्या सोच रही सरकार? क्या इनकम टैक्स में मिलेगी राहत?

बजट 2025 कई मायनों में ऐतिहासिक हो सकता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार 8वीं बार बजट पेश करने वाली पहली वित्त मंत्री बन सकती हैं। इस बजट में मिडल क्लास को राहत देने के कई बड़े फैसले हो सकते हैं। इसके अलावा, देश की धीमी आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए भी वित्त मंत्री कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं कर सकती हैं। फिलहाल जो खबरें सामने आ रही हैं, उनमें सबसे बड़ी बात यह है कि टैक्सपेयर्स को राहत मिल सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि मिडल क्लास टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स में बड़ी छूट मिल सकती है। आइए, जानते हैं इस बारे में जानकारों का क्या कहना है।

मिडिल क्लास को मिल सकती है राहत

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस शनिवार को अपना आठवां बजट पेश करने जा रही हैं। इस बार मिडिल क्लास को महंगाई और वेतन वृद्धि में स्थिरता की समस्याओं से राहत मिलने की उम्मीद है, जिसके लिए इनकम टैक्स रेट या स्लैब में बदलाव या कटौती हो सकती है। वित्त मंत्री राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखने के साथ-साथ कमजोर होती आर्थिक वृद्धि को संभालने के उपायों पर भी विचार कर सकती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों और मिडल क्लास के लिए वित्तीय मदद की बात कही है, जिसके बाद आयकर में राहत मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं, खासकर निम्न मिडल क्लास को कुछ राहत मिल सकती है।

सरकार का खर्च बढ़ने की संभावना

डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि पहली तिमाही के आंकड़े बताते हैं कि निजी खपत में अच्छी बढ़ोतरी हुई है और निवेश गतिविधियों में थोड़ी सुधार देखा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में चुनावों के खत्म होने के बाद, सरकार का खर्च बढ़ने की संभावना है, जो आने वाली तिमाहियों में आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगा। रुमकी ने बताया कि सरकार अब भी कौशल विकास और रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित करेगी।

कैपेक्स में 20 फीसदी का हो सकता है इजाफा 

अर्नेस्ट एंड यंग (ईवाई) का मानना है कि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए सरकार को पूंजीगत खर्च में कम से कम 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी करनी चाहिए। ईवाई इंडिया के मुख्य नीतिगत सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने कहा कि इस बार के बजट में राजकोषीय नीति और विकासात्मक उपायों के बीच संतुलन बनाना जरूरी होगा, खासकर जब आर्थिक हालात चुनौतीपूर्ण हों। वहीं, डीबीएस की वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा कि केंद्र सरकार को राजकोषीय समेकन की दिशा में ही आगे बढ़ते हुए, लोकलुभावन कदमों से बचकर स्थिरता को प्राथमिकता देनी चाहिए।

 

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