Can EVM Hack : क्या सच में हैक हो सकती है ईवीएम मशीन, जानिए पूरा सच…
Can EVM Hack: एक समय था जब लोकतंत्र में मतपेटियों का प्रयोग करके मतदान किया जाता है। इस दौरान मतदान केंद्रों में खूब हमले होते थे, आपने फिल्मों में भी देखा ही होगा कि कैसे गुंडे मतदान केंद्रों में हमले करके पेटियां जला देते थे या स्याही फेंक देते थे और ये सब काम और कोई नहीं बल्कि राजनीतिक पार्टियों के लिए काम कर रहे आसामाजिक तत्वों द्वारा किया जाता था।
इसके बाद चुनाव आयोग एक ऐसी मशीन लाई जिसके बाद ऐसी घटनाएं कभी हुई ही नहीं क्योंकि ये मशीन और कुछ नहीं बल्कि ईवीएम (EVM) थी। ईवीएम के आने के बाद चुनाव तो शांति से होने लगे लेकिन फैसलों के बाद हड़कंप जरूर मचने लगा था। क्योंकि हारने वाली राजनीतिक पार्टियां बार-बार दावा करती थी कि जीतने वाली पार्टी ने ईवीएम को हैक किया है। यही कारण है कि आज हम आपको बताने वाले है कि ऐसे दावे कितने सच है क्या वाकई ईवीएम (Can EVM Hack) को कोई हैक कर सकता है।
दिग्वजय सिंह ने किया ऐसा दावा
दिग्वजय सिहं ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म में दावा किया कि चिप वाली किसी भी मशीन को हैक किया जा सकता है। उन्होंने आगे दावा किया कि वह साल 2003 से ही ईवीएम मशीन का विरोध कर रहे थे। उन्होंने आगे लिखा कि क्या हम अपने भारतीय लोकतंत्र को पेशेवर हैकरों द्वारा कंट्रोल करने की अनुमति दे सकते हैं! यह प्रश्न है जिसका सॉल्यूशन सभी राजनीतिक दलों को करना होगा। माननीय ECI और माननीय Supreme Court क्या आप कृपया हमारे भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करेंगे?’
क्या है दावों का सच?
पिछले कई सालों से ईवीएम की हैकिंग के चर्चे समय-समय पर उठते रहते है। मजाल है कोई चुनाव हो और कोई नेता ईवीएम हैक (Can EVM Hack) होने की बात नहीं कहे। अक्सर कई बड़े नेता भी ईवीएम हैक होने का दावा करते है। तो चलिए आइए जानते है कि इन दावों में कितना दम है। क्या सच में किसी चिप की मदद से ईवीएम को हैक कर सकते हैं क्या ?
आपको बता दें कि साल 2017 में चुनाव आयोग ने ऐसे दावों को खत्म करने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों को खुला चैलेंज दिया था कि कोई भी व्यक्ति हमारे ऑफिस आए और ईवीएम को हैक करे।
EVM हैकिंग की चर्चा सालों से हो रही है। हार वाली पार्टियां ईवीएम को ही दोषी मानती हैं। लेकिन आखिर दावों में दम है भी या नहीं। क्या सच में किसी चिप की मदद से ईवीएम को हैक किया जा सकता है। बता दें, 2017 में चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों को ईवीएम को हैक करने का खुला चैलेंज दिया था। उसने कहा था कि कोई भी राजनीतिक पार्टी इलेक्शन कमीशन के दफ्तर आकर ईवीएम को हैक (Can EVM Hack) करने की कोशिश कर सकता है।
जल्दी हो सकती है काउंटिंग?
बैलेट पेपर से मतों की गणना में कम से कम 40 घंटे का समय लगता है तो वहीं ईवीएम मशीन से कुछ ही घंटों में गिनती हो जाती है।
इन देशों में भी होती है EVM से वोटिंग
बता दें, भारत के अलावा ब्राजील, फिलीपींस, भूटान, नेपाल, नामिबिया, नॉर्वे, कनाडा, वेनेजुएला, रोमानिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में EVM से ही मतदान किया जाता है।
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