राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। CBI Back in Rajasthan: राजस्थान में भाजपा की सरकार में पुरानी योजनाओं पर पुनर्विचार चलता है, फिर योजनाओं का नाम बदल दिया जाता है और अब सीबीआई (CBI Back in Rajasthan) को जांच की छूट दे दी है। इससे सबसे बड़ा नुकसान कांग्रेस हो सकता है। गहलोत ने सीबीआई पर रोक लगाई थी।
राजस्थान में कौनसे मामले में सीबीआई जांच की मांग उठी?
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में कई मामलों पर सीबीआई जांच की मांग उठी। परन्तु मुख्यमंत्री होने के नाते अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने राजस्थान में सीबीआई जांच को रोक दिया था। गहलोत का आरोप था की मोदी – शाह की जोड़ी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। परन्तु अब रोक हटने के बाद (CBI Back in Rajasthan) कई मामलों में सीबीआई जांच के आदेश आ सकते हैं। जैसे बहुचर्चित पेपर लीक मामले में, कांग्रेस नेता शांति धारीवाल पर लगे चम्बल रिवर फ्रंट में घोटाले के आरोप मामले में, सचिवालय में 2 करोड़ से ज्यादा कैश मिलने के मामले में जांच शुरू हो सकती है।
किस किस तक पहुँच सकती है सीबीआई जांच की आंच?
सीबीआई जांच (CBI Back in Rajasthan) से रोक हटने के बाद कई मुद्दों की आंच पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक पहुंचने के भी कयास हैं। सचिवालय में कैश मिलने, फोन टैपिंग मामले में और पेपर लीक मामले की जांच में अशोक गहलोत से भी पूछताछ हो सकती है। गहलोत के अलावा, गहलोत के करीबी शांति धारीवाल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा, पी सी सी अध्यक्ष और विधायक गोविन्द सिंह डोटासरा, आई ए एस अखिल अरोड़ा और सुबोध अग्रवाल, कांग्रेस नेता महेश जोशी जैसे बड़े नाम भी सीबीआई जांच के घेरे में आ सकती है।
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