Chaitra Navratri 2024 Day 2: नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित, जानें देवी की महिमा व पूजा विधि
Chaitra Navratri 2024 Day 2: लखनऊ। मंगलवार से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गयी है। नौ दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार (Chaitra Navratri 2024 Day 2) की समाप्ति 17 अप्रैल को राम नवमी के साथ होगी। इन नौ दिनों में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाएगी। नवरात्रि के पहले दिन जहां मां शैलपुत्री की पूजा की गई, वहीं दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी।
कौन है मां ब्रह्मचारिणी (Who is Maa Brahmacharini)
नवरात्रि के दूसरे दिन (Chaitra Navratri 2024 Day 2) मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। यह देवी दुर्गा का दूसरा रूप है। शास्त्रों के अनुसार मां दुर्गा ने पार्वती के रूप में पर्वतराज हिमालय के यहां पुत्री रुप में जन्म लिया। महर्षि नारद की प्रेरणा पर उन्होंने महादेव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए वर्षों तक कड़ी तपस्या की थी। हजारों वर्षों की कठोर तपस्या करने से ही इनका नाम तपश्चारिणी या ब्रह्मचारिणी पड़ा।
मां ब्रह्मचारिणी अपने दाहिने हाथ में रुद्राक्ष और बाएं हाथ में कमंडल लिए हुए हैं। रुद्राक्ष उनकी भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए की गई कड़ी तपस्या को दर्शाता है। वहीं, कमंडल देवी पार्वती के आत्मसंंकल्प को दिखाता है क्योंकि तपस्या के दौरान कई वर्षों तक देवी बिना कोई अन्न खाए केवल जल पीकर ही रहीं। यह चीज़ें आध्यात्मिक अभ्यास और तपस्या के लिए समर्पित जीवन का प्रतिनिधित्व करतीं हैं। मां ब्रह्मचारिणी उन भक्तों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं जो किसी लक्ष्य की प्राप्ति में दृढ़ता, सदाचार और संकल्प के मूल्यों को सिखातीं हैं।
माँ ब्रह्मचारिणी का महत्व (Importance of Maa Brahmacharini)
मां ब्रह्मचारिणी (Chaitra Navratri 2024 Day 2) सौभाग्यों के दाता भगवान मंगल को नियंत्रित करतीं हैं। उनके शरीर पर लगे कमल ज्ञान का प्रतीक हैं और सफेद साड़ी पवित्रता का प्रतीक है। देवी की आराधना से व्यक्ति अपने सभी लक्ष्य प्राप्त कर सकता है।
माँ ब्रह्मचारिणी पूजा विधि (Maa Brahmacharini puja vidhi)
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन (Chaitra Navratri 2024 Day 2) भक्त मां ब्रह्मचारिणी और भगवान शिव की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं। देवी को कलश में चमेली के फूल, चावल और चंदन चढ़ाया जाता है। भगवान का दूध, दही और शहद से भी अभिषेक किया जाता है। आरती और मंत्र जाप के साथ उन्हें प्रसाद चढ़ाया जाता है। नवरात्रि के दौरान देवी को चीनी का विशेष भोग भी लगाया जाता है।
माँ ब्रह्मचारिणी मंत्र (Maa Brahmacharini Mantra)
ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
तपश्चारिणी त्वमहि तापत्रय निवारणम्
ब्रह्मरूपधारा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्
शंकरप्रिया त्वमहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी
शांतिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्
नवरात्रि के दूसरे दिन कौन सा रंग है शुभ
देवी ब्रह्मचारिणी (Chaitra Navratri 2024 Day 2) की दिव्य आभा अज्ञानता और अंधकार को दूर करती है और अपने भक्तों को ज्ञान की ओर ले जाती है। शाही नीले रंग में परिलक्षित होती है। बुधवार को, नवरात्रि उत्सव में भाग लेने के लिए शाही नीला रंग पहनें। रॉयल ब्लू नीले रंग का एक आकर्षक शेड है जो संतुष्टि और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है।