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Chaitra Navratri Temples: नवरात्रि में करें देवी के इन प्रमुख मंदिरों का दर्शन, मिलेगा माता का आशीर्वाद

Chaitra Navratri Temples
Chaitra Navratri Temples (Image Credit: Social Media)

Chaitra Navratri Temples: लखनऊ। चैत्र नवरात्रि मंगलवार यानि 9 अप्रैल से शुरू हो रही है। नौ दिनों का यह पावन त्यौहार 17 अप्रैल को राम नवमी के साथ समाप्त होगा। चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri Temples) हिंदू चंद्र नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक भी है। यह नौ दिवसीय त्योहार भारत के कई हिस्सों में उत्साह के साथ मनाया जाता है।

यह त्योहार देवी दुर्गा के नौ रूपों का सम्मान करता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। लोग इन नौ दिनों स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के लिए देवी से आशीर्वाद मांगते हैं। बहुत से लोग इन नौ दिनों पर उपवास भी रखते हैं। देश के हर हिस्से में मंदिरों (Chaitra Navratri Temples) को सजाया जाता है, और वातावरण भक्ति गीतों से भर जाता है। यह त्यौहार भगवान राम के जन्मोत्सव रामनवमी पर समाप्त होता है। चैत्र नवरात्रि न केवल गहरी आध्यात्मिक प्रथाओं को दर्शाती है, बल्कि ऋतु परिवर्तन का भी जश्न मनाती है, जो वसंत की शुरुआत का संकेत देती है।

इन नौ दिनों पर लोग देवी का आशीर्वाद मांगने दुर्गा माता के मंदिरों (Chaitra Navratri Temples) का दर्शन करने जाते हैं। आज हम इस आर्टिकल में देवी के ऐसे ही प्रमुख मंदिरों के बारे में बताएँगे जहाँ आपको नवरात्रि के अवसर पर जरूर दर्शन करने जाना चाहिए। आइये डालते हैं एक नजर:

Chaitra Navratri Templesवैष्णो देवी मंदिर (Vaishno Devi Temple)

जम्मू और कश्मीर के त्रिकुटा पर्वतों में स्थित वैष्णो देवी मंदिर एक प्रतिष्ठित मंदिर (Chaitra Navratri Temples) है जो हर साल लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। देवी वैष्णो देवी को समर्पित, इसमें पवित्र गुफा तक एक चुनौतीपूर्ण यात्रा शामिल है जहां देवी की पूजा प्राकृतिक चट्टान संरचनाओं में की जाती है जिन्हें पिंडी के नाम से जाना जाता है। पवित्रता, भक्ति और दृढ़ता का प्रतीक, वैष्णो देवी की तीर्थयात्रा को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र में से एक माना जाता है।

Chaitra Navratri Templesकामाख्या मंदिर असम (Kamakhya Temple Assam)

गुवाहाटी में स्थित, कामाख्या मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है और विशेष रूप से अपने वार्षिक अंबुबाची मेले के लिए प्रसिद्ध है। देवी कामाख्या को समर्पित यह मंदिर (Chaitra Navratri Temples) स्त्री शक्ति का प्रतीक है। गुवाहाटी में नीलाचल पहाड़ी के ऊपर स्थित, कामाख्या मंदिर उर्वरता और शक्ति से जुड़ी देवी कामाख्या की अनूठी पूजा के लिए जाना जाता है। यह मंदिर, 51 शक्तिपीठों में से एक, नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहां हर कोने से भक्त आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं।

Chaitra Navratri Templesमनसा देवी मंदिर (Mansa Devi Temple Uttarakhand)

मनसा देवी मंदिर, उत्तराखंड के हरिद्वार में शिवालिक पर्वतमाला के ऊपर स्थित, शक्ति के एक रूप देवी मनसा देवी को समर्पित एक प्रतिष्ठित मंदिर (Chaitra Navratri Temples) है। माना जाता है कि यह मंदिर अपने भक्तों की इच्छाओं को पूरा करता है, इस मंदिर तक पैदल या केबल कार द्वारा पहुंचा जा सकता है, जहां से हरिद्वार और गंगा नदी का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। तीर्थयात्री अक्सर आशीर्वाद और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए मंदिर के पेड़ों पर धागे बांधते हैं। चैत्र नवरात्रि की शुभ अवधि के दौरान, मंदिर में भक्तों की एक असाधारण आमद देखी जाती है, जो देवी की दिव्य कृपा पाने के लिए प्रार्थनाओं और अनुष्ठानों में संलग्न होते हैं, जिससे यह आस्था और आध्यात्मिकता का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन जाता है।

Chaitra Navratri Templesअम्बाजी मंदिर गुजरात (Ambaji Temple Gujarat)

गुजरात में माउंट आबू के पास अरासुर पहाड़ियों में स्थित अम्बाजी मंदिर, देवी अम्बा को समर्पित एक प्रतिष्ठित शक्तिपीठ है। यह भारतीय उपमहाद्वीप में फैले 51 प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है। मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है बल्कि देवी का प्रतिनिधित्व करने वाला एक पवित्र प्रतीक है, जिसे ‘आद्य शक्ति’ या आदि ऊर्जा के रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है। यहां नवरात्रि बहुत धूमधाम से मनाई जाती है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। मंदिर (Chaitra Navratri Temples) का शांत वातावरण, वास्तुकला की भव्यता और आध्यात्मिक महत्व इसे एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बनाता है।

Chaitra Navratri Templesदुर्गा मंदिर वाराणसी (Durga Temple Varanasi)

दुर्गा मंदिर, जिसे बंदर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित एक प्रमुख हिंदू मंदिर है। देवी दुर्गा को समर्पित, यह नागर शैली की वास्तुकला को प्रदर्शित करता है और भक्ति और विश्वास के प्रतीक के रूप में खड़ा है। यह मंदिर (Chaitra Navratri Temples) देवी दुर्गा की स्वयंभू मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है, जो तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को समान रूप से आकर्षित करती है। चैत्र नवरात्रि के दौरान, मंदिर उत्सव का केंद्र बिंदु बन जाता है, जिसे रोशनी और सजावट से सजाया जाता है। मंदिर का आध्यात्मिक महत्व और सांस्कृतिक विरासत इसे आशीर्वाद और आध्यात्मिक सांत्वना चाहने वाले भक्तों के लिए एक अवश्य देखने योग्य स्थान बनाती है।

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