राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। CHANDIGARH MAYOR ELECTION: चंडीगढ़ मेयर चुनाव (CHANDIGARH MAYOR ELECTION) को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की ओर से दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में दोनों पार्टियों ने धांधली का आरोप लगाया और सबूत के तौर पर चुनाव अधिकारी का एक वायरल वीडियो सुप्रीम कोर्ट में पेश किया, जिसके बाद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ चुनाव अधिकारी से नाराज हो गए। आज अदालत में उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने मतपत्र पर क्रॉस का निशान लगाया था।
कोर्ट के सवाल और अनिल मसीह के जवाब
पीठ ने आज सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह (CHANDIGARH MAYOR ELECTION) से पूछा कि क्या उन्होंने मतपत्र पर क्रॉस मार्क किया है या नहीं। अनिल मसीह, जो रिटर्निंग ऑफिसर थे, ने कबूल किया कि उन्होंने ऐसा तब किया जब आम आदमी पार्टी के मेयर पद के उम्मीदवार आए और मतपत्र फाड़ दिया और भाग गए। इस पर पीठ ने पूछा कि क्रॉस क्यों लगाया गया, अनिल मसीह ने कहा कि वह कागज पर निशान बनाने की कोशिश कर रहे थे।
#WATCH | On Chandigarh mayoral elections, Punjab advocate General Gurminder Singh says," The court has recorded the statement of the presiding officer in which he has admitted that he has defaced 8 ballot papers. Further, the court has said that the entire record be produced in… pic.twitter.com/8GbrHGBifc
— ANI (@ANI) February 19, 2024
मतपत्र कल सुप्रीम कोर्ट में पेश किये जायेंगे
सुप्रीम कोर्ट में पेश होकर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (CHANDIGARH MAYOR ELECTION) ने भी माना कि उन्होंने टारगेट लगाया था। ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि हम डिप्टी कमिश्नर से नया रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त करने को कहेंगे। हम पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल से इसकी निगरानी करने के लिए कहेंगे।’ कोर्ट ने कहा कि हम रजिस्ट्रार जनरल हाई कोर्ट से कहेंगे कि वह इस चुनाव से जुड़े सभी रिकॉर्ड लेकर हमारे पास आएं। हम इस मामले पर कल मंगलवार को सुनवाई करेंगे। कोर्ट ने कहा कि न्यायिक अधिकारी सुबह 10।30 बजे बैलेट पेपर जो रजिस्टर जर्नल के पास है, हमारे पास लाएंगे।
इससे पहले क्या हुआ था?
आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भारतीय जनता पार्टी (CHANDIGARH MAYOR ELECTION) में शामिल हो गए हैं। आम आदमी पार्टी के पार्षद नेहा मुसावत, गुरुचरण काला और पूनम देवी अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं। जिसके बाद अब मेयर चुनाव (चंडीगढ़ मेयर चुनाव) का पूरा नंबर बदल गया है। अब चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले मेयर मनोज सोनकर ने पद से इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।
30 जनवरी को क्या हुआ था?
चंडीगढ़ नगर निगम (CHANDIGARH MAYOR ELECTION) में 30 जनवरी को चुनाव हुए थे, उस वक्त बीजेपी के पास 14 पार्षद थे। संख्या के हिसाब से बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी थी। इसके बाद आम आदमी पार्टी के पास 13 और कांग्रेस के पास 7 विधायक थे। इसके अलावा एक पार्षद शिरोमणि अकाली दल का है। चंडीगढ़ से सांसद ने भी डाला वोट। चंडीगढ़ मेयर का चुनाव आप-कांग्रेस ने मिलकर लड़ा था। इस हिसाब से आप का मेयर बनना चाहिए था, लेकिन 16 वोट पाने वाली बीजेपी आप-कांग्रेस के 8 वोट रद्द कर मेयर बन गई।
आज जो काम सुप्रीम कोर्ट ने किया है क्या वो @ECISVEEP को नहीं करना चाहिए था?#ChandigarhMayorElection pic.twitter.com/evXETatdlp
— Common Man (@chaye_ke_lover) February 19, 2024
विवाद पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
30 जनवरी के नाटकीय घटनाक्रम (CHANDIGARH MAYOR ELECTION) के बाद सियासी हलचलों के साथ साथ कानूनी लड़ाई भी शुरू हो हुई और आप और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। चंडीगढ़ मेयर चुनाव के पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह बैलेट पेपर पर पेन का इस्तेमाल करते नजर आ रहे थे। इस वीडियो को AAP और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश किया था।
SC ने रिटर्निंग ऑफिसर को लगाई फटकार
चंडीगढ़ मेयर (CHANDIGARH MAYOR ELECTION) का चुनाव 30 जनवरी को हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने कथित धांधली पर कांग्रेस और आप की याचिका पर सुनवाई करते हुए पूरी चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी और मतपत्रों को सील करने का निर्देश दिया। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मेयर चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को फटकार लगाई और कहा, ‘सीसीटीवी फुटेज से साफ है कि उन्होंने (पीठासीन अधिकारी) मतपत्र खराब कर दिए।’ उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यह लोकतंत्र का मजाक है। हमें आश्चर्य है कि लोकतंत्र की हत्या की जा रही है।
18 जनवरी को चुनाव होने थे
चंडीगढ़ मेयर चुनाव (CHANDIGARH MAYOR ELECTION)पहले 18 जनवरी को होना था, लेकिन कथित तौर पर अनिल मसीह बीमार पड़ गए। जिसके कारण चुनाव स्थगित करना पड़ा। बाद में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर 30 जनवरी को चुनाव की तारीख तय की गई। चुनाव पर सीसीटीवी से भी निगरानी रखी गई लेकिन चुनाव में कथित तौर पर धांधली हुई। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव रद्द कर दोबारा मेयर चुनाव कराने की मांग की।
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