Chandra Grahan 2025: 2025 का पहला चंद्र ग्रहण होली के दिन 14 मार्च को लगेगा। यह ब्लड मून या रेड मून होगा। चूंकि यह पूर्ण ग्रहण होगा इसलिए अधिकतम ग्रहण (Chandra Grahan 2025 ) के समय चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया से ढक जाएगा। छत्रछाया के अंदर चंद्रमा का भाग केवल पृथ्वी के वायुमंडल से अपवर्तित सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होगा और इसका रंग लाल होगा। ग्रहण की सबसे लंबी अवधि 1 घंटा 04 मिनट और 16 सेकंड होगी।
होली हिंदू कैलेंडर माह फाल्गुन के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। होली से एक दिन पहले होलिका दहन मनाया जाता है।
क्या भारत में दिखेगा यह चंद्र ग्रहण?
चंद्र ग्रहण प्रशांत, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और पश्चिमी अफ्रीका में दिखाई देगा। यह चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2025) भारत सहित नेपाल, श्रीलंका और पश्चिम एशिया के अधिकांश देशों में दिखाई नहीं देगा। चूंकि यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इस दौरान पालन की जाने वाली कोई भी सावधानियां और अनुष्ठान भारत औ में रहने वाले लोगों के लिए लागू नहीं होते हैं। चंद्र ग्रहण के नजर नहीं आने के कारण इसका धार्मिक रूप से भी कोई प्रभाव भारत पर नहीं पड़ेगा और लोग होली के त्योहार का लुत्फ़ आनंदमय तरीके से उठा सकेंगे।
कब होगा सूतक काल?
चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2025 Date) का प्रारंभ दोपहर 02:27 बजे होगा वहीँ इसकी अधिकतम अवधि दोपहर 02:59 मिनट पर होगी। चंद्र ग्रहण की समाप्ति दोपहर 03:31 बजे होगी। चंद्र ग्रहण के कुल चरण की अवधि 01 घंटा 04 मिनट 16 सेकंड होगी तो वहीँ आंशिक चरण की अवधि 03 घंटे 36 मिनट 23 सेकंड होगी। चूंकि, होली से पहले या होलिका दहन पर चंद्र ग्रहण भारत (Chandra Grahan 2025 Visibility) में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा। 14 मार्च को लगने वाला चंद्र ग्रहण अमेरिका, पश्चिमी यूरोप के शहरों और अटलांटिक महासागर के पार दिखाई देगा।
इस साल लगेंगे दो चंद्र और दो सूर्य ग्रहण
2025 में कुल 2 चंद्र ग्रहण लगेंगे। जहां होली के दिन लगने वाला साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा वहीं दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। यह खगोलीय घटना सितंबर में घटित होगी। जानकारी के अनुसार, दूसरा चंद्र ग्रहण चंद्र ग्रहण 7-8 सितंबर को लगेगा। यह पूरे देश में दिखाई देगा।
इस वर्ष दो सूर्य ग्रहण भी होंगे। लेकिन ये दोनों भारत से दिखाई नहीं देंगे। पहला सूर्य ग्रहण या आंशिक सूर्य ग्रहण, मार्च के महीने में होगा। यह 29 मार्च को घटित होगा। यह भारत से दिखाई नहीं देगा। यह घटना उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, यूरोप और रूस के कुछ हिस्सों से दिखाई देगी। दूसरा ग्रहण 21-22 सितंबर को होगा।
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है। यह सूर्य की किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकता है।
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