पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने हाल ही में शिवसेना मामले में फैसला देर से लेने के आरोपों पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि न्यायपालिका किसी राजनीतिक एजेंडे पर नहीं चलती।
शिवसेना मामले में देरी के आरोप
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) (UBT) की करारी हार के बाद पार्टी नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने पूर्व CJI चंद्रचूड़ पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि अगर चंद्रचूड़ ने शिवसेना विधायकों की अयोग्यता याचिका पर समय पर फैसला दिया होता, तो चुनाव के नतीजे अलग होते। राउत ने यहां तक कह दिया कि चंद्रचूड़ का नाम इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा।
हमारा काम निष्पक्ष रहकर न्याय देना है: चंद्रचूड़
इन आरोपों पर पूर्व CJI चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने अब अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा, ‘देखिए, यही समस्या है। असली दिक्कत यह है कि राजनीति का एक निश्चित वर्ग सोचता है कि अगर उनके एजेंडे का पालन करते हैं तो हम स्वतंत्र हैं।’ चंद्रचूड़ ने स्पष्ट किया कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता का मतलब है किसी के एजेंडे पर न चलना।
उन्होंने आगे कहा, ‘न्यायपालिका का काम संविधान और कानून के अनुसार फैसले लेना है, न कि किसी राजनीतिक दल के हित में। हमारा काम निष्पक्ष रहकर न्याय देना है, चाहे उसका परिणाम कुछ भी हो।’
न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर जोर
पूर्व CJI ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर जोर देते हुए कहा कि यह लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। उन्होंने कहा, ‘न्यायपालिका को किसी के दबाव में नहीं आना चाहिए। हमारा काम संविधान की रक्षा करना और कानून का पालन सुनिश्चित करना है।’
चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि न्यायपालिका पर इस तरह के आरोप लगाना गलत है। उन्होंने कहा, ‘हर फैसले के पीछे एक तर्क होता है। अगर कोई फैसला किसी को पसंद नहीं आता, तो इसका मतलब यह नहीं कि वह फैसला गलत है या उसमें देरी की गई है।’