दिल्ली में विधानसभा चुनावों के बीच एक नई सियासी हलचल मच गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) का कहना है कि बीजेपी ने दिल्ली पुलिस पर दबाव डालकर अरविंद केजरीवाल पर बनी डॉक्यूमेंट्री “अनब्रेकेबल” की स्क्रीनिंग को रुकवा दिया है। इस डॉक्यूमेंट्री में केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेताओं की जेल यात्रा और उनके संघर्ष की कहानी दिखाई गई है।
क्या था डॉक्यूमेंट्री का प्लान?
“अनब्रेकेबल” डॉक्यूमेंट्री को शनिवार 20 जनवरी को दिल्ली के प्यारेलाल भवन में दिखाया जाना था। इसमें अरविंद केजरीवाल और उनके दो साथी नेताओं, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की जेल यात्रा को दिखाया गया है। इन नेताओं को दिल्ली पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तारी के बाद तिहाड़ जेल में रखा था, लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गई और वे बाहर आ गए। डॉक्यूमेंट्री इसी पूरे घटनाक्रम को दिखाने का काम करती है।
AAP का आरोप- बीजेपी ने किया दखल
AAP ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के कहने पर दिल्ली पुलिस ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को रुकवा दिया। पार्टी का कहना है कि बीजेपी नहीं चाहती कि इस डॉक्यूमेंट्री को लोग देखें, क्योंकि इसमें केजरीवाल और उनके साथियों की जेल जाने की घटना को लेकर जो कहानी दिखाई गई है, वह बीजेपी के खिलाफ जाती है। AAP का यह भी कहना है कि बीजेपी ने दिल्ली के थिएटर मालिकों को धमकी दी, ताकि वे इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने से मना कर दें। AAP के एक प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी यह नहीं चाहती कि इस डॉक्यूमेंट्री को लोगों के सामने लाया जाए, क्योंकि यह उनके खिलाफ साबित हो सकती है। पार्टी ने ये भी कहा कि वे किसी भी हाल में इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाएंगे और बीजेपी इसे रोक नहीं सकती।
केजरीवाल की गिरफ्तारी और जेल यात्रा
यह डॉक्यूमेंट्री खासतौर पर अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और जेल यात्रा पर आधारित है। मार्च 2024 में, केजरीवाल को दिल्ली की आबकारी नीति घोटाले के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। उन्हें तिहाड़ जेल भेजा गया था, लेकिन जून 2024 में उन्हें जमानत मिल गई। इस पूरे घटनाक्रम में केजरीवाल के अलावा मनीष सिसोदिया और संजय सिंह भी आरोपी थे और उन्हें भी गिरफ्तार किया गया था।
AAP का नजरिया- पार्टी की लड़ाई और सियासी संदेश
आम आदमी पार्टी का कहना है कि यह डॉक्यूमेंट्री सिर्फ केजरीवाल और उनके साथियों की गिरफ्तारी की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक संघर्ष की कहानी है। पार्टी ने दावा किया है कि इस डॉक्यूमेंट्री के जरिए वे जनता को यह बताना चाहते हैं कि कैसे बीजेपी और अन्य राजनीतिक दल उनके नेताओं को फंसाने की कोशिश करते हैं। AAP का कहना है कि इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाकर वे अपने समर्थकों को एक नया संदेश देना चाहते हैं और उन्हें यह दिखाना चाहते हैं कि वे किस तरह से सत्ता के खिलाफ खड़े हैं।
क्या होगी बीजेपी की प्रतिक्रिया?
अब तक बीजेपी की तरफ से इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं आया है। दिल्ली पुलिस ने भी इस बारे में कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, दिल्ली में चुनावी आचार संहिता लागू है, और इस तरह के विवादों का चुनावी माहौल पर असर पड़ सकता है। यह देखना होगा कि दिल्ली पुलिस और बीजेपी इस मामले में आगे क्या कदम उठाती हैं।
क्या स्क्रीनिंग फिर से होगी?
आम आदमी पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि अगर दिल्ली पुलिस ने स्क्रीनिंग रुकवाने की कोशिश की है, तो वे किसी और जगह पर इसे आयोजित करेंगे। AAP का यह कहना है कि इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाना उनकी पार्टी के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि यह केजरीवाल और उनके नेताओं की संघर्ष की कहानी है, जिसे लोग जानना चाहते हैं।
ये भी पढ़ें:दिल्ली चुनाव में 70 सीटों पर 1521 नामांकन, जानें किस सीट पर सबसे ज्यादा कैंडिडेट