Cheetah Veera Terror: मुरैना। मादा चीता की दहशत से मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के कई गाँवों के लोग सूरज ढलते ही घरों में सिमट जा रहे हैं। चरवाहे बकरियों और गाय-भैंसों को चराने नहीं ले जा पा रहे हैं। कूनो अभयारण्य से निकली मादा चीता वीरा अब तक दो जानवरों का शिकार कर चुकी है।
ग्रामीणों की बकरियों का किया शिकार, दहशत में ग्रामीण
एमपी के श्योपुर के कूनो अभयारण्य से निकली मादा चीता वीरा मुरैना ज़िले की जौरा तहसील इलाके में आतंक का पर्याय बन गई है। मादा चीते वीरा ने चरवाहे के सामने ही बकरे का शिकार किया है। इसके पहले भी इसने एक बकरी का शिकार किया था।
चीता के मूवमेंट से ग्रामीण घबराए हुए हैं। वीरा और नर चीता पवन 24 मार्च को कूनो नेशनल पार्क से बाहर निकल गए थे। तब इन्हें मुरैना के पहाड़गढ़ के ईश्वरा महादेव के जंगलों में देखा गया था। नर चीता पवन लौटकर कूनो में पहुंच गया, लेकिन वीरा पहाड़गढ़ से आगे निकलकर धानाकुंआ, चांचुल होते हुए जौरा के पगारा के जंगल तक आ गई है।
अंधेरा होते है घरों में दुबक जा रहे ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में चीता घुस आया है इसीलिए लोग अंधेरा होने के बाद घरों से नहीं निकल रहे हैं। उन्होंने बताया जंगल गांव से लगा हुआ है।
डर से बकरियाँ चराने भी नहीं जा रहे गाँववाले
दहशत में जी रहे ग्रामीणों ने बताया कि मादा चीते ने मंगलवार शाम को एक बकरी को दबोच ले गया। इस डर की वज़ह से कोई भी बकरियां चराने नहीं गया। गुरुवार को बकरियाँ चराने ले गए लोगों ने देखा कि चीता फिर आ गया और बकरियों के झुंड में से एक बकरे पर टूट पड़ा।
दक्षिण अफ्रीका से लाई गई है मादा चीता वीरा
गौर करें तो इसी साल जनवरी में भी मादा चीता कूनो अभयारण्य से भागी थी। वीरा रहवासी इलाके में पहुंच गई थी। हालाँकि 20 घंटे बाद वह वीरपुर क्षेत्र के सामान्य वनमंडल क्षेत्र में लौट आई थी। वीरा दक्षिण अफ्रीका से लाई गई चीतों की दूसरी खेप में भारत आई थी। दूसरी खेप में 12 चीतों को भारत लाया गया था। 20 दिसंबर 2023 को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद मादा चीता वीरा को बाड़े से निकाल कर खुले जंगल में छोड़ा गया था।
वन मंडलाधिकारी करा रहे चीते के हमले की जाँच
वही वन मंडलाधिकारी स्वरूप दीक्षित ने इस बात की पुष्टि की कि मादा चीते वीरा ने एक बकरी और बकरे का शिकार किया है। इसके साथ ही उन्होंने या आशंका जताई कि यह भी हो सकता है कि किसी दूसरे जानवर ने बकरियों का शिकार किया हो। दीक्षित ने बताया कि वन विभाग इसकी जांच कर रहा है।
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