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Chhath Puja 2024 Ended: उषा अर्घ्य के साथ ही लोक आस्था के महापर्व छठ का हुआ समापन

Chhath Puja 2024 Ended

Chhath Puja 2024 Ended: आज सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के सतह ही लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन हो गया। सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के लिए आज सुबह से ही बिहार, झारखण्ड, पूरी उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली और कई राज्यों में घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ (Chhath Puja 2024 Ended) उमड़ी थी। हर जगह घाटों पर प्रशासन ने विशेष इंतजाम किये थे। कई जगहों पर पूरी रात घाट पर रहने की व्यवस्था की गई थी। प्रत्येक वर्ष छठ पूजा का त्योहार कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है और सप्तमी तिथि को खत्म होता है।

छठ महापर्व को लेकर हर जगह भक्तिमई माहौल बना रहा। घाटों और घरों पर चारों ओर छठ मैया के ही गीत गूंजते रहे। अधिकतर जगहों पर दो दिन पहले दिवंगत हुईं स्वर्गीय शारदा सिन्हा के ही गीत गूंजते रहे। लोगों ने नदी, तालाब के अलावा अपने घरों के आस पास भी अर्घ्य देने की व्यवस्था बनाई थी। महानगरों में कुछ जगहों पर लोगों ने अपने घर की छतों पर ही अर्घ्य (Chhath Puja 2024 Ended) दिया।

Chhath Puja 2024 Endedइससे पहले आज श्रद्धालु प्रात:काल से ही छठ घाट की ओर डाला के साथ रवाना हो गए। व्रतियों ने घंटों जल के अंदर खड़े होकर भगवान सूर्य के उगने का इंतजार किया। इसके बाद सूर्य देव के उगने पर व्रतियों और श्रद्धालुओं ने कच्चे दूध से अर्घ्य दिया। कई जगहों पर लोगों में व्रतियों से प्रसाद लेने की होड़ लगी थी। लोगों ने व्रतियों से प्रसाद लेकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

नहाय-खाय से शुरू हुआ था चार-दिवसीय छठ पर्व

छठ महापर्व 5 नवंबर को नहाय-खाय से शुरू हुआ था। इस दिन व्रती महिलाओं ने पुरे दिन उपवास रख कर शाम को सूर्य देव और छथि मैया की पूजा कर कद्दू भात का सेवन किया था। इसके अगले दिन 6 नवंबर को खरना मनाया गया था। खरना (Chhath Puja 2024 Ended) के दिन भी व्रती पुरे दिन उपवास रखते हैं और शाम को विशेष प्रसाद रोटी, गुड़ की खीर और पका हुआ केला खाकर अगले 36 घंटे निर्जला उपवास रखते हैं। छठ के पूजा के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक 7 नवंबर को व्रतियों ने संध्या अर्घ्य दिया था। उसके बाद आज सुबह व्रतियों ने उदीयमान भगवन भास्कर को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया।

Chhath Puja 2024 Endedविशेष प्रसाद खाकर लोग तोड़ते हैं अपना व्रत

सुबह सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद व्रती घर जाकर विशेष प्रसाद बनाते हैं और उससे अपना व्रत तोड़ते हैं। अधिकतर लोग छठ पूजा में चढ़ाए गए सब्जियों को मिलकर एक पकवान बनाते हैं और उसे चावल के साथ खाकर अपना पारण (Chhath Puja 2024 Ended) करते हैं। कई लोग ठेकुआ, नारियल पानी, खीर और मौसमी फल आदि से भी अपना व्रत तोड़ते हैं। छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित होता है। इसमें महिलाएं अपने संतान और परिवार की खुशहाली के लिए यह व्रत रखती हैं।

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