Chhindwara LokSabha2024: छिंदवाड़ा में दाव पर है कमलनाथ की साख, काँग्रेस के नाम पर नहीं, खुद के काम पर मांग रहे हैं बेटे के लिए वोट
Chhindwara LokSabha2024: छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की साख इस लोकसभा चुनाव 2024 में दाव पर लगी है। कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को काँग्रेस से इस सीट के लिए चुना गया है। हालांकि कमलनाथ के लिए ये चुनाव (Chhindwara LokSabha2024) इसलिए भी मुश्किल हो गया है क्योंकि, लगातार उनके करीबी और काँग्रेस के स्थानीय नेता काँग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसी के चलते अब कमलनाथ प्रचार और वोट मांगने की रणनीति में बदलाव करते दिख रहे हैं।
काम के आधार पर मांग रहे बेटे के लिए वोट
अपने बेटे के लिए चुनाव प्रचार करते समय कमलनाथ अब भावनात्मक तरीके से लोगों से जुटने और जनता से वोट की मांग करते नज़र आ रहे हैं। इस बार काँग्रेस का नाम प्रचार में कम ही उपयोग में लाया जा रहा है। ऐसा करने के पीछे की वजह इसलिए भी सामने आती है क्योंकि पिछले कुछ समय में भाजपा की लगातार कमलनाथ के किले में सेंधमारी सटीक बैठी है। इस बार कमलनाथ और नकुलनाथ के नजदीकी माने जा रहे काँग्रेस के (Chhindwara LokSabha2024) नेता मैदान छोड़ कर भाजपा के खेमे में शामिल हो गए हैं। इसी बात के लिए जब भी वोट मांगने के लिए सभा में नकुलनाथ और कमलनाथ को देखा जा रहा है, तब उन्हें भावुक होते हुए भी देखा जा रहा है।
भाजपा में आ गए ये नेता…
अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह हरणी नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष माधवी शाह और जिला पंचायत सदस्य केसर नेता के साथ भाजपा में शामिल हुए। कमलेश शाह के बीजेपी में शामिल होने को लेकर ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि कमलेश जी बहुत सम्मानित परिवार से हैं। प्रधानमंत्री की कार्यशैली से प्रभावित होकर भारतीय जनता पार्टी शामिल हुई है।
कुछ दिन पहले भी काँग्रेस छूटा इन नेताओं से
इससे पहले ही कमलनाथ को बड़ा झटका लगा है। कमल नाथ के विश्वासपात्र माने जाने वाले दीपक सक्सैना के बेटे अजय सक्सैना भाजपा में शामिल हो गए हैं। अजय सक्सैना, दीपक सक्सैना के बेटे हैं, जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में कमल नाथ के लिए अपनी सीट खाली की थी। कमल नाथ सरकार के दौरान दीपक सक्सेना को विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था। इतना ही नहीं, जब अटकलें लगाई जा रही थीं कि (Chhindwara LokSabha2024) कमल नाथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं, तो सबसे पहले सक्सेना ने ही उनके पक्ष में बयान दिया था।
विवेक बंटी साहू ढहा पाएंगे कांग्रेस का किला
इस सीट से भाजपा ने युवा नेता विवेक बंटी साहू को मैदान में उतारा है। विवेक बंटी साहू बीजेपी युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष रहे चुके है। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार विवेक बंटी साहू ने साल 2019 में छिंदवाड़ा विधानसभा के उपचुनाव में पूर्व सीएम (Chhindwara LokSabha2024) कमलनाथ के सामने चुनाव लड़ा था। लेकिन उन्हें इस चुनाव में हार झेलनी पड़ी। अब भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विवेक बंटी साहू को चुनावी मैदान में उतारा है। अब देखना होगा कि विवेक बंटी साहू कांग्रेस के इस किले को ढहा पाएंगे या नहीं..?
छिंदवाड़ा में होगी साख की हार जीत
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर साख की हार जीत इसलिए भी है क्योंकि काँग्रेस (MP First Phase LokSabhaElection2024) की सीट पर कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ हैं। पूर्व में मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ के लिए और एकमात्र सीट पर जीतने वाले के लिए यही एक सीट थी जहां काँग्रेस ने मध्य प्रदेश में साख बचाई थी। भाजपा ने काँग्रेस के कमलनाथ के सामने विवेक बंटी साहू को उतारा है। अगर विवेक बंटी साहू की बात कि जाए तो दो बार युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष कि ज़िम्मेदारी मिली, वर्तमान में भाजपा के जिला आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य हैं और साथ ही भाजपा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष भी हैं। पहली बार लोकसभा चुनाव के मैदान में हैं। वहीं कमलनाथ पैतृक राजनीति का बढ़ावा देते हुए पिछले चुनाव 2019 में पहली बार ही चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की। 2019 के लोकसभा चुनाव में नकुलनाथ 5 लाख 47 हज़ार 305 वोटों के साथ जीत हासिल की। वहीं भाजपा के नाथन शाह 5 लाख 9 हज़ार 769 वोटों से हार गए। हालांकि जीत (Chhindwara LokSabha2024) का आंकड़ा देखें तो ये नकुलनाथ के लिए पैतृक सीट की तरह है। परंतु जीत का आंकड़ा महज़ 37 हज़ार वोटों के आसपास ही था। इस बार ये जीत साख का सवाल है। जबकि भाजपा कमलनाथ के किले पर लगातार प्रहार कर रही है। हालांकि छिंदवाड़ा लोकसभा के अंतर्गत आने वाली सीटों में से 7 विधानसभा सीटें भी काँग्रेस के ही कब्जे में है। यहाँ हार जीत का निर्णय ओबीसी और आदिवासी मतदाता ही करते हैं।
कमलनाथ के 4 सिपाही भाजपा की सेना में
काँग्रेस – कमलनाथ की सेना से 5 और सिपाही भाजपा में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश की राजधानी पहुँच गए। वहाँ मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात कर, भाजपा का हिस्सा हो गए। इनमें महत्वपूर्ण नाम है, छिंदवाड़ा नगर निगम के मेयर विक्रम अहाके। विक्रम (Chhindwara LokSabha2024) अहाके के साथ साथ, नगर निगम जल विभाग के सभापति प्रमोद शर्मा, और सिद्धांत थनेसर ने भी भाजपा को ही चुना इनके साथ आए एनएसयूआई के पूर्व जिला उपाध्यक्ष धीरज राऊत और एनएसयूआई के पूर्व जिलाध्यक्ष आशीष साहू ने भी मुख्यमंत्री के समक्ष भाजपा का साथ दिया।
इस बार कांटे की टक्कर, पिछेल 3 चुनाव में भी नहीं आई इकतरफा जीत
साल 2009, 2014 और 2019 को देखा जाए तो काँग्रेस के उम्मीदवार यानि कमलनाथ और नकुलनाथ के जीत का आंकड़ा बहुत बड़ा नहीं था। इसलीये इस बार मैदान दोनों ही पार्टियों यानि काँग्रेस और भाजपा के लिए कांटे की टक्कर वाला बना हुआ है। चुनावी मैदान (Chhindwara LokSabha2024) में पिछले तीन चुनाव में काँग्रेस ने और कमलनाथ के परिवार ने जीत तो हासिल की परंतु इस बार टक्कर इसलिए भी हैं क्योंकि कमजोर पड़ती काँग्रेस में कमलनाथ पर बड़ा दाव खेला गया है। भाजपा के प्रयाशी विवेक बंटी साहू को जीत दिलवाने के लिए भाजपा भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
पिछले तीन चुनाव में घटा काँग्रेस का वोट प्रतिशत
2009 में काँग्रेस के उम्मीदवार कमलनाथ 1 लाख 21 हज़ार 220 वोट से भाजपा के मारोत राव खवासे से जीते थे। वोट शेयर की बात की जाए तो काँग्रेस के खेमे में 49.41 प्रतिशत वोट थे और भाजपा के हिस्से 34.79 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2014 में भी मैदान में काँग्रेस की तरफ से कमलनाथ ही थे, तब मार्जन घटा और भाजपा का वोट शेयर बढ़ा। 2014 में कमलनाथ 1 लाख 16 हज़ार 537 वोटों से जीते, वोट प्रतिशत 50.54 था और भाजपा के चौधरी चंद्रभान सिंह का वोट प्रतिशत 40.02 था। 2019 में मैदान में कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने जीत तो दर्ज की परंतु मार्जन और कम हो गया। नकुलनाथ का वोट प्रतिशत घट कर 47.06 रह गया और भाजपा के नत्थन शाह कवरेती का वोट प्रतिशत 44.05 तक जा पहुंचा। इस बार नकुलनाथ के सामने भाजपा के विवेक बंटी साहू मैदान में टक्कर देने को तैयार है।