भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान हमेशा चीन से अपनी दोस्ती को दिखाता है। लेकिन इस बार चीन से पाकिस्तान को एक बड़ा झटका दिया है। जी हां, चीन ने अपनी वीजा फ्री ट्रांजिट पॉलिसी में छूट दी है, लेकिन इसमें पाकिस्तान का नाम नहीं है। बता दें कि वीजा फ्री ट्रांजिट पॉलिसी के तहत अब यात्री 10 दिन चीन में रुक सकते हैं।
चीन ने वीजा फ्री ट्रांजिट पॉलिसी में दी छूट
चीन ने अपनी वीजा फ्री ट्रांजिट पॉलिसी में छूट दी है, लेकिन इसमें पाकिस्तान का नाम नहीं है. बता दें कि वीजा फ्री ट्रांजिट पॉलिसी के तहत अब यात्री 10 दिन चीन में रुक सकते हैं। नेशनल इमीग्रेशन एडमिनिस्ट्रेशन (NIA) ने 54 देशों के नागरिकों के लिए वीजा फ्री एंट्री की घोषणा की है। जिसके बाद अब इन देशों के नागरिकों को 240 घंटे यानी 10 दिनों तक देश में रहने की अनुमति है। बता दें कि पहले ये लिमिट 72 घंटे यानी सिर्फ तीन दिन के लिए ही थी। लेकिन 54 देशों की इस लिस्ट में चीन ने अपने जिगरी दोस्त पाकिस्तान को शामिल नहीं किया है। इस लिस्ट में एशिया के 6 देश हैं, लेकिन पाकिस्तान का नाम नहीं है।
इन देशों के लोग 10 दिन रुक सकते
बता दें कि चीन के स्टेट काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने जिन 54 देशों को लिस्ट किया है, वहां के नागरिक 54 प्रांतों के 60 ओपन पोर्ट्स के जरिए वीजा के बगैर प्रवेश कर सकते हैं। इतना ही नहीं वो सभी लोग इन इलाकों में 240 घंटों के लिए रुक सकते हैं। बता दें कि पहले सिर्फ 39 ओपन पोर्ट्स के जरिए चीन में प्रवेश की अनुमति थी, अब इसमें 21 पोर्ट्स और शामिल किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 54 देशों की लिस्ट में यूएस, ब्रिटेन, कनाडा, रूस और ब्राजील जैसे देशों का नाम है, लेकिन पाकिस्तान का नाम नहीं है।
एशियाई देशों में इन देशों का नाम
चीन ने एशिया के सिर्फ 6 देशों को वीजा फ्री ट्रांजिट पॉलिसी में शामिल किया है। इनमें रिपब्लिक ऑफ कोरिया, जापान, सिंगापुर, ब्रूनेई, संयुक्त अरब अमीरात और कतर का नाम शामिल है। वहीं लिस्ट में पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेश का नाम नहीं है। इसके अलावा अमेरिका में संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ब्राजील, मेक्सिको, अर्जेंटीना और चिली का नाम है। 40 यूरोपीय देशों में बेल्जियम, चेक गणराज्य, डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, जर्मनी, ग्रीस, यूके, हंगरी, इटली, यूक्रेन और रूस का भी नाम भी है। हालांकि रिपोर्ट में बताया गया कि पॉलिसी का लाभ लेने के लिए तीन महीनों की मान्यता के साथ इंटरनेशनल ट्रेवल डॉक्यूमेंट होना चाहिए। इसके अलावा उन्हें बताना होगा कि वह किस देश में और किस मकसद से जा रहे हैं। यात्री किसी तीसरे देश में जाने के लिए भी चीन में 10 दिनों तक रुक सकते हैं।