चिराग पासवान

चिराग पासवान का यू-टर्न, कहा- बिहार में नीतीश के नेतृत्व में लड़ेगी लोजपा

बिहार में 2025 के विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। पिछले चुनावों में नीतीश कुमार का विरोध करने वाले चिराग पासवान अब उनकी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर रहे हैं। यह बदलाव न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि इसके पीछे की रणनीति भी कई सवाल खड़ी करती है।

लोजपा का नया मोड़

चिराग पासवान की पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), ने हाल ही में पटना में आयोजित राज्य संसदीय बोर्ड की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव के तहत, पार्टी ने यह स्पष्ट किया कि वह 2025 का विधानसभा चुनाव राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के बैनर तले और नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेगी। यह चिराग पासवान के लिए एक बड़ा कदम है, खासकर तब जब पिछले चुनावों में उन्होंने नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोला था।

चिराग का विरोध और चुनावी परिणाम

2015 के विधानसभा चुनावों में चिराग ने जेडीयू के खिलाफ अपनी अलग चुनावी पहचान बनाई थी, जिसके परिणामस्वरूप जेडीयू को भारी नुकसान हुआ था। उस समय के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना था कि चिराग के कदम से नीतीश कुमार की पार्टी को हर विधानसभा में नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन अब चिराग की नई रणनीति ने इस तस्वीर को पलटने का इरादा किया है।

बदलते राजनीतिक समीकरण

चिराग के यू-टर्न का मुख्य कारण देश के राजनीतिक समीकरण में आए बदलाव हैं। हाल के लोकसभा चुनावों में भाजपा की सीटों की संख्या में कमी आई है, खासकर उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन के सामने। इसके चलते भाजपा अब अपने सभी घटक दलों के साथ समन्वय स्थापित करने के प्रयास कर रही है।

ये भी पढ़ें- तेजस्वी का NDA पर हमला, कहा- ‘अब इसे जंगलराज कोई नहीं बोलेगा क्योंकि…’

इसका सीधा लाभ अगर किसी को होने वाला है, तो वो हैं तेजस्वी यादव और कांग्रेस के नेता, जो बिहार में अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटे हैं। इसके साथ ही प्रशांत किशोर भी अपनी नई पार्टी बनाने की योजना में हैं, जिससे बिहार की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है।

लोजपा की बैठक के प्रमुख बिंदु

बैठक में लोजपा (रामविलास) के राज्य संसदीय बोर्ड के प्रमुख हुलास पांडे ने कहा, “हम अपने दिवंगत नेता रामविलास पासवान जी के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी पार्टी एनडीए के बैनर तले चुनाव लड़ेगी और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि गठबंधन को बहुमत मिले।”

पार्टी के अध्यक्ष राजू तिवारी ने भी कहा, “हम एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे और जो भी सीटें हमें राजग में आवंटित की जाएंगी, उन पर जीत हासिल करेंगे।”

इस बैठक में लोजपा के कई प्रमुख नेता भी मौजूद थे, जिन्होंने पार्टी के अंदर कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देने का प्रस्ताव पारित किया।

भविष्य की राजनीति की दिशा

चिराग पासवान का यह नया कदम बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय खोल सकता है। उनकी पार्टी का नीतीश कुमार के साथ आना यह संकेत देता है कि भाजपा अपने सहयोगियों के बीच मतभेद कम करने के लिए गंभीर है। यह देखने के लिए दिलचस्प होगा कि आगे आने वाले समय में बिहार की राजनीति किस दिशा में जाती है और क्या चिराग और नीतीश का यह नया गठबंधन चुनावी मैदान में सफल होता है या नहीं।