Chronic Subdural Hematoma: सदगुरु हुए थे इस बीमारी के शिकार, जानें इसमें कितना है रिस्क, बरते ये सावधानी
Chronic Subdural Hematoma: लखनऊ। आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव की रविवार को ब्रेन में ब्लीडिंग (Chronic Subdural Hematoma) के कारण दिल्ली के अपोलो अस्पताल में आपातकालीन मस्तिष्क सर्जरी की गई। विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम द्वारा की गई सर्जरी उनकी खोपड़ी में रक्तस्राव से राहत दिलाने में सफल रही। जानकारी के अनुसार 66 वर्षीय सद्गुरु ऑपरेशन के बाद ठीक हैं और उनके जीवन में लगातार सुधार हो रहा है।
बता दें कि सदगुरु को Chronic SDH (Chronic Subdural Hematoma) नाम की बीमारी हो गई थी। हम सभी को इस बीमारी के बारे में अवश्य जानना चाहिये क्योंकि काफ़ी संख्या में लोग इससे ग्रसित होते हैं।
क्या है Chronic Subdural Hematoma
क्रॉनिक सबड्यूरल हेमेटोमा (Chronic Subdural Hematoma) एक प्रकार की मस्तिष्क की चोट है, जहां मस्तिष्क की सतह और बाहरी आवरण के बीच रक्त आमतौर पर हफ्तों या महीनों में जमा हो जाता है। वृद्धों में आम, लक्षण धीरे-धीरे विकसित हो सकते हैं और इसमें सिरदर्द, भ्रम, कमजोरी, बोलने में कठिनाई और गंभीर मामलों में दौरे या चेतना की हानि शामिल हो सकती है। यह स्थिति इसलिए होती है क्योंकि मस्तिष्क और ड्यूरा के बीच की नसें फटने की अधिक संभावना होती है, जिससे रक्तस्राव होता है।
रांची के Craniofacial Surgeon और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ अनुज कुमार ने सोशल मीडिया साइट X पर एक पोस्ट साँझा कर इस बीमारी (Chronic Subdural Hematoma) के बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है कि इस बीमारी में ब्रेन के अंदर खून जमा हो जाता है। और अगर इस खून के थक्के की वजह से मस्तिष्क पर दवाब पड़ने लगे तो कई बार डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं।
आप सभी लोगों ने हाल में ही ये खबर सुनी होगी की श्री सदगुरु जी गंभीर रूप से बीमार हो गये और उनकी एक आकस्मिक ब्रेन सर्जरी की गई।
श्री सदगुरु जी को Chronic SDH ( Subdural hematoma) नाम की बीमारी हो गई थी।
हम सभी को इस बीमारी के बारे में अवश्य जानना चाहिये क्योंकि काफ़ी संख्या में…
— Dr Anuj Kumar (@dranuj_k) March 22, 2024
जानें कब रहें सावधान
– अगर आप मस्तिष्क में चोट के शिकार हुए हैं।
– 65 वर्ष से अधिक उम्र में और छोटे बच्चों में
– अगर आप किसी भी ऐसी दवा का सेवन करते हैं जो खून को पतला करता है जैसे की Aspirin और Clopidogrel इत्यादि।
– अगर किसी भी ऐसी बीमारी से ग्रसित हैं जिसमें खून आसानी से नहीं रुकता जैसे की hemophilia
– शराब का नियमित सेवन भी इसके ख़तरे को बढ़ाता है।
– अगर उच्च रक्तचाप या लिवर की बीमारी से ग्रसित हैं
क्या हैं इस बीमारी के लक्षण
डॉ अनुज कुमार लिखते हैं कि यदि नीचे दिए गए लक्षणों (Chronic Subdural Hematoma) में से कोई भी लक्षण आपको हो तो सावधान रहें और किसी न्यूरोलॉजिस्ट/न्यूरोसर्जन से सलाह लें।
– अगर कई दिनों से लगातार सिर दर्द बना हुआ है।
– सिर दर्द के साथ उल्टी, मिर्गी जैसा लक्षण, बोलने में दिक़्क़त, चलने में समस्या, देखने में किसी प्रकार की दिक़्क़त, हाथ या पैरों में कमजोरी जैसा लक्षण हो।
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जानें क्या सावधानी बरतें
– अगर आप risk zone में हैं जैसा कि ऊपर लिखा है तो सर दर्द को कभी नज़रअंदाज़ ना करें।
– अपने BP को हमेशा नियंत्रण में रखें।
– अगर उच्च रक्तचाप है तो अपनी BP की दवाई को कभी अचानक ना छोड़ें।
– कई बार लोग भ्रामक विज्ञापन या सोशल मीडिया पर फ़र्ज़ी पोस्ट देख कर वो सब नुस्ख़े आज़माने लगते हैं और दवाई लेना बंद कर देते हैं। ये गलती कभी ना करें।
– कई लोग छोटे बच्चों को गोद में लेकर उछालते हैं। ये क़तई ना करें और कोई करे तो उसे रोकें।
क्या है इस बीमारी का इलाज
इसका (Chronic Subdural Hematoma) इलाज संभव है और ख़ास कर अगर शुरुआती लक्षण में ही पकड़ में आ जाये तो काफ़ी बेहतर उपचार हो जाता है। इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि खून के थक्के की वजह से मस्तिष्क पर कितना दवाब पर रहा है। क्रोनिक सबड्यूरल हेमेटोमा के उपचार में मुख्य रूप से मस्तिष्क पर दबाव कम करने और ब्लॉकेज को हटाने के लिए सर्जरी अनिवार्य होता है। सबसे आम प्रक्रियाएं बर्र होल ट्रेफिनेशन हैं, जहां हेमेटोमा को निकालने के लिए खोपड़ी में एक या एक से अधिक छोटे छेद किए जाते हैं, और क्रैनियोटॉमी, एक अधिक आक्रामक प्रक्रिया जहां हेमेटोमा तक पहुंचने और निकालने के लिए खोपड़ी के एक बड़े हिस्से को अस्थायी रूप से हटा दिया जाता है।