Churu Lok Sabha Seat 2024

Churu Lok Sabha Seat 2024: राहुल कस्वां की बगावत के बाद चूरू में भाजपा कितनी मजबूत..? जानिए इस सीट का पूरा समीकरण

Churu Lok Sabha Seat 2024: जयपुर। लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने इस बार 400 पार का लक्ष्य निर्धारित किया है। कुछ ही समय पहले भाजपा ने अपनी पहली सूची जारी की। अगले एक-दो दिन में बीजेपी की एक और सूची जारी हो सकती है। इस बार बीजेपी ने राजस्थान को लेकर ख़ास प्लान बनाया है। बीजेपी की पहली सूची में राजस्थान से कई मौजूदा सांसदों के टिकट काटे गए। इसके अलावा तीन-चार नए चेहरों को पहली बार बीजेपी ने मौका दिया है। हम लगातार आपको राजस्थान की सभी सीटों के बारे में जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे राजस्थान की चूरू सीट (Churu Lok Sabha Seat 2024) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां….

चूरू से देवेंद्र झाझड़िया को बनाया उम्मीदवार:

बीजेपी ने राजस्थान में एक बड़ा बदलाव किया है। चूरू लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद राहुल कस्वां का टिकट काट दिया। उनकी जगह इस सीट से एथलीट देवेंद्र झाझड़िया को प्रत्याशी बनाया है। ओलंपिक जैसे बड़े खेलों में अपना लोहा मनवा चुके देवेंद्र झाझड़िया अब राजनीति की पिच पर कमाल दिखाने के लिए तैयार है। जाट बाहुल्य वाली इस सीट से उनके सामने कांग्रेस ने राहुल कस्वां को टिकट दे दिया है। ऐसे में दोनों के बीच इस बार कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है।

कई पदक जीत चुके हैं देवेंद्र झाझड़िया:

खेल जगत में विशेष पहचान रखने वाले देवेंद्र झाझड़िया को बीजेपी ने चूरू से टिकट दिया है। यह उनकी राजनीति करियर की शुरुआत है। बचपन में हादसे में हाथ गंवाने वाले झाझड़िया ने अपनी हिम्मत और जज्बे के चलते देश के लिए कई पदक जीतें है। वह पैरा भाला फेंक एथलीट (जैवलिन थ्रोअर) रह चुके हैं। उनका जन्म चूरू जिले के एक छोटे से गाँव में हुआ है। फिलहाल वो देश में एक जाना-पहचाना नाम बन गए है। देवेंद्र झाझड़िया चूरू से ही अपनी राजनीति पारी की शुरुआत कर चुके है।

भाजपा का गढ़ है चूरू सीट:

शेखावाटी में वैसे तो हमेशा से ही कांग्रेस का दबदबा रहा है। लेकिन चूरू लोकसभा सीट पर कस्वां परिवार के चलते भाजपा का गढ़ मानी जाती है। चूरू की सीट से वर्तमान में राहुल कस्वां सांसद है, लेकिन अब उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया। टिकट कटने से नाराज़ राहुल कस्वां ने भाजपा को छोड़ कांग्रेस ज्वाइन कर ली। चूरू लोकसभा सीट पर पिछले 25 साल से भाजपा का राज रहा है। ऐसे में देखना है कि क्या चूरू की जनता इस बार भी भाजपा के साथ रहती है या फिर कस्वां परिवार के साथ जाकर कांग्रेस के पक्ष में मतदान करती है..?

चूरू लोकसभा सीट का समीकरण:

चूरू लोकसभा सीट पर ग्रामीण मतदाता काफी प्रभाव रखते है। चूरू की राजनीति की बात करें तो कस्वां परिवार का इस क्षेत्र में काफी दबदबा रहा है। राहुल कस्वां से पहले उनके पिता राम सिंह कस्वां और उनके दादा राजनीति में खूब सक्रिय रहे है। इस सीट से राहुल कस्वां लगातार दो बार बड़े अंतर से चुनाव जीत चुके है। लेकिन इस बार उन्होंने पार्टी बदलकर कांग्रेस की टिकट से ताल ठोकी है। जबकि उनके सामने एक जाना-पहचाना नाम देवेंद्र झाझड़िया है।

साल 2019 का चुनाव परिणाम:

लोकसभा चुनाव में चूरू में भाजपा का दबदबा देखने को मिलता है। लेकिन इस बार परिस्थिति कुछ अलग नज़र आ रही है। राहुल कस्वां के कांग्रेस में शामिल होने से इस सीट का परिणाम रोचक रहने की उम्मीद की जा रही है। अगर पिछले चुनाव की बात करें तो राहुल कस्वां ने कांग्रेस के रफीक मंडेलिया को 334402 वोटों से हरा दिया था। इस चुनाव में भाजपा के पक्ष में 792999 और कांग्रेस को 458597 वोट हासिल हुए थे। चूरू लोकसभा क्षेत्र में 8 विधान सभा क्षेत्र शामिल हैं।

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कांग्रेस को 25 साल से जीत का इंतज़ार:

राहुल कस्वां की टिकट कटने के बाद उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली। उनके इस कदम के बाद चूरू सीट पर पूरे देश की निगाहें टिक गई है। चूरू लोकसभा सीट पर रामसिंह कस्वां कई बार सांसद रहे। उनकी बढ़ती उम्र के चलते उनके बेटे ने राजनीति में कदम रखा। लेकिन उन्होंने हमेशा भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ा। पहली बार उन्होंने पाला बदलकर कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ने की तैयारी की है। अब देखना है कि कांग्रेस कस्वां परिवार की बदौलत चूरू सीट पर 25 साल बाद जीत का परचम लहरा पाती है या नहीं..?

चूरू लोकसभा सीट पर कुल वोटर्स:

चुरू लोकसभा सीट राजस्थान की प्रमुख सीट मानी जाती है। इसमें हनुमानगढ़ का कुछ हिस्सा भी शामिल है। चूरू लोकसभा सीट पर कुल मतदाता 20 लाख से अधिक है। इसमें एससी मतदाताओं की संख्या लगभग 448,154 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 22.3% है। ग्रामीण मतदाताओं की संख्या लगभग 1,519,301 है जबकि शहरी मतदाताओं की संख्या लगभग 490,357 है।

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