क्या राहुल गांधी ने जानबूझकर बीजेपी सांसदों को चोट पहुंचाई? CISF ने किया बड़ा खुलासा

Parliament Scuffle: 19 दिसंबर 2024 को संसद भवन में जो कुछ हुआ, उसने पूरा देश चौंका दिया। उस दिन गृहमंत्री अमित शाह ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में कुछ ऐसी बातें कहीं, जिनसे इंडिया ब्लॉक के सांसदों में गुस्सा भर गया। इन सांसदों में राहुल गांधी भी थे। उन्होंने इस बयान के खिलाफ जमकर विरोध किया और शाह से इस्तीफा देने की मांग की। विरोध इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हो गई, और इस दौरान भाजपा के दो सांसदों को चोटें आईं। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या राहुल गांधी ने जानबूझकर बीजेपी के सांसदों को धक्का दिया? इस पूरे मामले में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने अपनी सफाई दी है, और कहा है कि इस घटना के दौरान उनकी तरफ से कोई चूक नहीं हुई।

19 दिसंबर को क्या हुआ था?

19 दिसंबर को संसद में जो हुआ, उसने सभी को हैरान कर दिया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने डॉ. भीमराव अंबेडकर पर कुछ बयान दिए थे, जो इंडिया ब्लॉक के नेताओं को बिल्कुल पसंद नहीं आए। राहुल गांधी और उनके साथी सांसदों ने शाह से इस्तीफे की मांग की और इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इसी दौरान, दोनों ब्लॉक्स (एनडीए और इंडिया) के सांसदों के बीच शारीरिक टकराव हो गया। इसमें भाजपा के दो सांसदों – प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को चोटें आईं। भाजपा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने जानबूझकर उनके सांसदों को धक्का दिया, जिससे ये चोटें आईं।

बीजेपी सांसदों को चोटें कैसे आईं?

प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को चोटें आईं, और इस पर उन्होंने अपनी शिकायत भी की। प्रताप सारंगी ने बयान दिया कि राहुल गांधी ने मुकेश राजपूत को धक्का दिया, जिससे दोनों गिर पड़े। इस गिरने की वजह से सारंगी के माथे और घुटने में चोटें आईं। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर थी और उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया। हालांकि, अब उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है, लेकिन इस घटना ने बीजेपी और कांग्रेस के बीच तनाव को और बढ़ा दिया।

कांग्रेस ने आरोपों को किया खारिज

भा पार्टी ने राहुल गांधी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, लेकिन कांग्रेस ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के सांसदों ने खुद मल्लिकार्जुन खड़गे को धक्का दिया और राहुल गांधी के साथ शारीरिक दुर्व्यवहार किया। कांग्रेस ने यह भी कहा कि भाजपा अपने सांसदों को बचाने के लिए इस तरह के आरोप लगा रही है। कांग्रेस का कहना है कि यह पूरी घटना भाजपा सांसदों द्वारा भड़काने के कारण हुई।

CISF का बयान – ‘हमने कोई चूक नहीं की’

अब इस विवाद में CISF भी कूद पड़ा है। संसद भवन की सुरक्षा की जिम्मेदारी CISF पर होती है। CISF के उप महानिरीक्षक श्रीकांत किशोर ने इस पूरे मामले पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 19 दिसंबर को हुई घटना में उनकी तरफ से कोई चूक नहीं हुई। CISF ने किसी भी सांसद को हथियार लेकर जाने की अनुमति नहीं दी थी। वे पूरी तरह से सतर्क थे और सुरक्षा का ध्यान रख रहे थे।

श्रीकांत किशोर ने यह भी कहा कि जब कोई सांसद आरोप लगाए तो CISF चुप रहना पसंद करता है। उन्होंने यह साफ किया कि मकर द्वार पर हुई इस घटना की CISF कोई जांच नहीं कर रही है। उनका काम सुरक्षा सुनिश्चित करना था, और उस लिहाज से उन्होंने अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से निभाई।

बीजेपी ने इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस में राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पार्टी का कहना है कि राहुल गांधी ने जानबूझकर उनके सांसदों को धक्का देकर उन्हें चोटिल किया। दिल्ली पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के सांसदों ने जानबूझकर संसद में माहौल बिगाड़ा और हिंसा का सहारा लिया।

राहुल गांधी पर उठे सवाल

अब इस पूरे विवाद पर सवाल उठने लगे हैं कि क्या राहुल गांधी ने सच में जानबूझकर हिंसा को बढ़ावा दिया? क्या उनकी वजह से यह झड़प हुई? वहीं, कांग्रेस ने इन आरोपों को गलत बताया है और कहा है कि बीजेपी खुद ही इस स्थिति को बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के सांसदों ने शुरुआत में इस हंगामे को बढ़ाया और बाद में उसे राहुल गांधी पर आरोप लगाने के रूप में बदला।

CISF की तरफ से यह भी कहा गया कि संसद भवन में सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी तरह से उनके ऊपर है। वे अपनी जिम्मेदारी को लेकर पूरी तरह से सतर्क थे और किसी भी तरह की चूक से इंकार किया। हालाँकि, यह पहली बार नहीं है जब संसद भवन में सुरक्षा को लेकर सवाल उठे हैं, लेकिन इस बार यह घटना इतनी गंभीर हो गई कि सभी की निगाहें उस पर टिक गईं।