Cleanliness drive in Sariska Sanctuary : अलवर। देशभर में टाइगर की साइटिंग के लिए मशहूर सरिस्का अभयारण्य से रविवार को बड़े पैमाने पर प्लास्टिक कचरा पाया गया। दो दिन पहले यहां सांभर की मौत हो गई थी, जिसके पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह प्लास्टिक खाना बताया गया था। जिसके बाद रविवार को सरिस्का टाइगर रिजर्व एरिया में सफाई अभियान चलाया गया।
50 से ज्यादा लोगों की टीम ने की सफाई
सरिस्का अभयारण्य के रेंजर शंकर सिंह शेखावत ने बताया कि रविवार को वन विभाग और बफर जोन के 50 से ज्यादा लोगों की टीम सरिस्का पहुंची। इस दौरान भूरासिद्ध फोरेस्ट एरिया में सफाई का काम किया गया। इस काम में कुछ आम लोगों ने भी सहयोग किया। शेखावत ने बताया कि फोरेस्ट एरिया में बड़ी तादाद में प्लास्टिक कचरा मिला। यहां से 60 कट्टे प्लास्टिक कचरे को निकाला गया है।
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पॉलीथिन खाने से दो सांभरों की हो चुकी मौत
अभी 2 दिन पहले ही यहां दो सांभरों की मौत सुर्खियों में रही थी। इसकी वजह यही प्लास्टिक कचरा था। सांभर की मौत के बाद नियम अनुसार जब पोस्टमार्टम किया गया, तो दोनों सांभरों के पेट से 12 किलो पॉलीथिन निकली थीं। यही पॉलीथिन उनकी मौत का कारण बनीं। अब वन विभाग की ओर से यहां सफाई कराने के साथ लोगों को प्लास्टिक उत्पादों के नुकसान भी बताए जा रहे हैं, जिससे अभयारण्य आने वाले लोगों को जागरुक किया जा सके।
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दर्शनार्थी फैला जाते हैं पॉलीथिन
रेंजर शंकर शेखावत ने बताया कि इस फॉरेस्ट एरिया में भूरासिद्ध मंदिर भी है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं। इनमें कुछ लोग पॉलीथिन में प्रसाद, फूल वगैरह लाते हैं और मंदिर के पास खाली जगह पर पॉलीथिन डालकर चले जाते हैं। इन पॉलीथिन में कई बार खाने चीजें भी होती हैं, जिसे जंगली जीव पॉलीथिन के साथ ही खा जाते हैं, जो उनकी मौत का कारण बन जाता है। इसे देखते हुए अब लोगों को कचरा ना फैलाने को लेकर जागरुक किया जा रहा है।
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