महाकुंभ 2025 में ठंड का कहर: स्नान के बाद तीन श्रद्धालुओं की मौत, 3 हजार से ज्यादा बीमार

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी को हुई, लेकिन इस बार महाकुंभ में बढ़ी हुई ठंड ने श्रद्धालुओं को काफी परेशान किया। शाही स्नान के दौरान ठंड इतनी बढ़ गई कि तीन श्रद्धालुओं की जान चली गई, और 3 हजार से ज्यादा लोग बीमार हो गए। इस खबर ने प्रशासन और श्रद्धालुओं के बीच चिंता की लहर पैदा कर दी है। आइए जानते हैं कि ये घटनाएं किस तरह हुईं और महाकुंभ के पहले दिन की स्थिति क्या थी।

महाकुंभ में ठंड का असर

महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है, और इसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने और धार्मिक अनुष्ठान करने आते हैं। इस बार ठंड ने सबको अपनी चपेट में ले लिया। 13 जनवरी को शाही स्नान के दौरान जब लोग गंगा में स्नान करने पहुंचे, तो अचानक ठंडी हवा ने सबका हाल बेहाल कर दिया। इस ठंड का असर सिर्फ श्रद्धालुओं पर ही नहीं पड़ा, बल्कि अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई।

तीन श्रद्धालुओं की मौत

शाही स्नान के बाद तीन लोग इस ठंड के कारण अपनी जान गवां बैठे। इनमें से दो लोग तो अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही चल बसे, जबकि एक का इलाज के दौरान निधन हो गया। आइए, जानते हैं इन घटनाओं के बारे में।

1. शरद पवार की पार्टी का नेता

पहली मौत शरद पवार की पार्टी से जुड़े एक नेता की हुई। वह अपने दोस्तों के साथ महाकुंभ में स्नान करने आए थे। स्नान के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जानकारी के मुताबिक, उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारण का पता चल सकेगा।

2. सुदर्शन सिंह पंवार का निधन

दूसरी मौत कोटा, राजस्थान के रहने वाले सुदर्शन सिंह पंवार की हुई। वह भी स्नान करने आए थे, लेकिन स्नान के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां कार्डियक अरेस्ट के कारण उनकी मौत हो गई। उनकी मौत की वजह भी यही बताई जा रही है कि ठंड के कारण उनकी सेहत बिगड़ गई।

3. अर्जुन गिरी की मौत

तीसरी मौत 85 साल के अर्जुन गिरी की हुई, जो भी महाकुंभ में स्नान करने आए थे। स्नान के बाद उन्हें हार्ट अटैक आ गया। अर्जुन गिरी को अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। उनकी उम्र ज्यादा होने के कारण शरीर पर ठंड का असर ज्यादा हुआ और वह हार्ट अटैक का शिकार हो गए।

3 हजार से ज्यादा लोग बीमार

महाकुंभ के पहले दिन ओपीडी में 3000 से ज्यादा लोग इलाज के लिए पहुंचे। यह संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। डॉ. मनोज कौशिक, जो केंद्रीय अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी हैं, के मुताबिक, 13 जनवरी को करीब 3000 मरीज ओपीडी में आए थे, जिनमें से 262 मरीजों को भर्ती किया गया। इनमें से 37 मरीजों की हालत गंभीर थी, जिन्हें दूसरे अस्पतालों में भेजा गया। केंद्रीय अस्पताल में एक दिन में 650 मरीजों का इलाज हुआ, और 20 मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया। इन मरीजों में कुछ श्रद्धालु थे, जबकि कुछ अग्निशमन विभाग के कर्मचारी भी थे। इस ठंड ने न केवल श्रद्धालुओं को प्रभावित किया, बल्कि महाकुंभ के दौरान काम करने वाले कर्मचारियों को भी परेशान किया।

सोशल मीडिया पर फैली अफवाह

महाकुंभ में हो रही इन घटनाओं के बीच सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से फैलने लगी कि महाकुंभ में 11 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। इस खबर ने डर का माहौल बना दिया। हालांकि, पुलिस ने इस खबर की जांच की और पाया कि यह पूरी तरह से अफवाह थी। पुलिस ने सोशल मीडिया पर इस झूठी खबर को फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की और एफआईआर दर्ज की। इसके बाद, सोशल मीडिया पर इस तरह के पोस्ट हटा दिए गए।

क्या है स्वास्थ्य विभाग की तैयारी?

महाकुंभ में बढ़ती ठंड और बीमारियों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी की थी। अस्पतालों में अतिरिक्त डॉक्टरों और कर्मचारियों की तैनाती की गई थी, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके। इसके अलावा, ठंड से बचने के लिए कंबल, गर्म कपड़े और अन्य सुविधाओं का इंतजाम भी किया गया था।
डॉ. मनोज कौशिक ने बताया कि केंद्रीय अस्पताल और अन्य अस्पतालों के बीच एंबुलेंस की आवाजाही सुबह से लेकर रात तक जारी रही। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न हो, इसके लिए स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार किए जा रहे हैं।

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